समृद्धि महामार्ग बना एक व्यक्ति ने अपनी ज़िद की पूरी, केदार ने कहा- हमारी सरकार आने पर आयेगा व्हाईट पेपर

नागपुर: समृद्धि महामार्ग के उद्घाटन को एक महीना पूरा हो चुका है लेकिन इस परियोजना को लेकर सवाल उठाए जाने का सिलसिला अब भी जारी है. राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री और नागपुर जिले की सावनेर सीट से विधायक सुनील केदार ने इस परियोजना को पैसे की बर्बादी क़रार देते हुए कांग्रेस की सरकार आने पर व्हाईट पेपर लाये जाने की जानकारी थी.
केदार ने बताया की उन्हें एक ऐसा नाम कोई बताये जिसने समृद्धि महामार्ग की मांग की हो यह परियोजना सिर्फ एक व्यक्ति के ज़िद और ईगो का नतीजा है. उन्होंने बताया की वर्ष 2016 में जब उनके सामने इस प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन दिया गया था तब इस परियोजना की कुल लागत 25 हजार करोड़ बताई गई थी अब जब उसका उद्घाटन हुआ है (वह भी आधा ही) इसकी लागत 52 हजार करोड़ पहुंच चुकी है आगे कितनी लागत आयेगी यह नहीं पता, इस परियोजना की वजह से राज्य पर भयंकर कर्ज लद चुका है.
इसे ट्रांसपोटेशन के लिए गेमचेंजर बताया जा रहा है लेकिन सबसे सस्ता ट्रांसपोर्ट का साधन जल मार्ग होता है. नागपुर से मुंबई के लिए जलमार्ग की व्यवस्था है ऐसे में एक साधन है रेल, इसके अलावा नागपुर से मुंबई को जोड़ने वाले नैशनल हाईवे के अपग्रेडेशन का काम शुरू है. तो समृद्धि महामार्ग से राज्य को मिलेगा क्या? मेरे हिसाब से यह परियोजना लोगों की सहूलियत के लिए नहीं है इसके माध्यम से किसी ने अपनी ज़िद पूरी की है ईगो पालने की कोशिश की है. मैंने इस परियोजना पर व्हाईट पेपर की मांग की है जब कभी मौका आएगा इसे सामने लाया जायेगा।
राज्य में हमारी सरकार वापस आएगी उसके बाद पहला व्हाईट पेपर समृद्धि को लेकर ही होगा। समृद्धि में सरकार ने जिस ज़मीन का अधिग्रहण किया है वह किसकी है. उसके मालिक कौन है और जिनको मुआवजा मिला है. जिन्हे मुआवजा मिला है वह कितने साल पहले ज़मीन के मालिक बने है इसका खुलासा होना भी जरुरी है. इस पर जरूर तहक़ीकत होगी।

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