नागपुर में होने वाली सोने की स्मगलिंग फिर चर्चा में,मामले में लिप्त पुलिसकर्मियों का तबादला

नागपुर- नागपुर का सराफा बाजार इन दिनों चर्चा में है.इसकी वजह सोना स्मगलिंग मामले में आरोपियों को पकड़ना और उन्हें छोड़े जाने की सेटिंग से जुड़ा हुआ है. नागपुर सराफा बाजार में पिछले कुछ सालों में 40 किलो चोरी का सोना बरामद करने के लिए देशभर के कई शहरों की पुलिस आई है। पुलिस और सराफा व्यापारियों के इसी तरह के विवाद को निपटाने के लिए पुलिस दक्षता कमेटी बनाई गई थी। अब तक यहां पहुंचे करीब 200 मामलों में सामने आया कि पुलिस चोर की निशानदेही पर यहां व्यापारियों से सोना बरामद करने तो पहुंची, लेकिन कमेटी के हस्तक्षेप के बाद अधिकांश मामले गलत निकले। इसमें पुलिस द्वारा वसूली की बात सामने आई। पर कमेटी बीच में थी, इसलिए यह नहीं हो पाया। यही कारण है कि अब पुलिस ने उक्त कमेटी के नियमों को ही दरकिनार कर दिया है और एक बार फिर वसूली अभियान शुरू हो गया। वर्ष 2012 में तत्कालीन महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर.आर. पाटिल ने पुलिस दक्षता कमेटी को अधिकृत अमलीजामा पहनाया। उन्हें कुछ अधिकार दिए और एक नियमावली बनाई। दरअसल, पुलिस और व्यापारियों में चोरी के गहनों और सोने की खरीद फरोख्त, चोरी के सोने को बाजार में बेचने आदि कारणों से आए दिन विवाद था। इसके लिए उक्त कमेटी बनाई गई, जिसमें व्यापारियों और पुलिस के आला-अधिकारियों को शामिल किया गया।
सोना तस्करी मामले में चार पुलिसकर्मियों का आनन-फानन में तबादला
तहसील क्षेत्र में एक सराफा व्यापारी के दो किलो सोना तस्करी प्रकरण में सोमवार को तहसील थाने के 4 पुलिस कर्मचारियों का आनन-फानन में पुलिस मुख्यालय में तबादला कर दिया गया। तहसील थाने के उक्त चारों कर्मचारियों का कार्यकाल काफी विवादित रहा है। व्यापारियों के बीच इन्हें ‘गोल्डन गैंग’ के नाम से जाना जाता था। पुलिस सूत्रों के अनुसार सराफा व्यापारी से दो किलो सोना तस्करी प्रकरण में अब नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। पुलिस मुख्यालय भेजे गए कर्मचारियों में तहसील थाने के एएसआई संजय दुबे, प्रमोद शनिवारे, पुलिस नायब अतुल ठाकरे और दिनेश शुक्ला का समावेश है।

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