सरकारी स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता जांचने कलेक्टर बने विद्यार्थी

बुलढाणा: यूँ तो सिर्फ कलेक्टर बन जाना ही इस बात का प्रबल प्रमाण है की आप औसत क्षमता के विद्यार्थी से अधिक गुणवंत है.लेकिन कोई कलेक्टर किसी स्कूल में छात्र बनकर बैठ जाये तो यह थोड़ा हैरान करने वाला दृश्य हो सकता है.कुछ ऐसा ही हुआ बुलढाणा में जहां जिलाधिकारी (कलेक्टर) एच.पी.तुम्मोड एक अनुदानित स्कूल में शिक्षा का स्तर जांचने अचानक पहुंच गए। इस दौरान जिलाधिकारी ने 7 वी कक्षा में गणित की क्लास में भी बैठे। दरअसल जिलाधिकारी स्कूल में दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता की जाँच के लिए पहुंचे थे.क्लास में उन्होंने ने केवल पूरा पीरियड अटेंड किया बल्कि पढ़ा रही गणित की शिक्षिका का भी मूल्यांकन किया। जिलाधिकारी के साथ उपजिलाधिकारी गौरी सावंत भी मौजूद थी.स्कूल की शिक्षिका मंगला जावरकर बच्चों को पढ़ा रही थी.
क्लास खत्म होने के बाद जिलाधिकारी एच.पी. तुम्मोड ने सहायता प्राप्त स्कूल की प्रगति और इतिहास की जानकारी ली। स्कूल की विभिन्न पर्यावरण गतिविधियों, स्कूल के विभिन्न खेलों के साथ-साथ छात्रों की सफलता के बारे में भी जानकारी ली। जिलाधिकारी ने स्कूल भवन एवं सम्पूर्ण परिसर की सराहना की।

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