जिले में बिजली चोरों के हौसले बुलंद, 6 माह में 95 लाख की बिजली चोरी
नागपुर: नागपुर जिले में बिजली चोरी पर नियंत्रण पाने के लिए महावितरण द्वारा पुलिस की मदद से कार्रवाई कर छापेमारी की जा रही है. इसके बाद भी बिजली चोरों के हौसले बुलंद हैं. ऐसे में चोरी पर लगाम लगाने के लिए विशेष उड़नदस्ते गठित किए गए हैं. इस दौरान पिछले छह महीनों में 1198 लोगों के मामले दर्ज किए गये हैं जबकि 478 ग्राहकों पर कार्रवाई की गई है.
1198 मामले उजागर, 95 लाख की बिजली चोरी
महावितरण ने पिछले छह महीनों में जिले में हुक डाल कर बिजली चुराने के 1198 मामलों को उजागर किए हैं. इसके साथ ही मीटर में छेड़छाड़ एवं अन्य प्रकार से बिजली चुराने के 575 मामले पकड़े गए. इस दौरान 94 लाख 99 हजार रु. की बिजली चोरी का आंकलन कर 5 लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की गई. वही, 482 ग्राहकों से 17 लाख 64 हजार रु. का जुर्माना वसूला गया.
बिजली चोरी के हथकंडे
सबसे अधिक बिजली चोरी लाइन पर हुक डाल कर की जाती है. इसके अलावा मीटर से छेड़छाड़ अथवा उसे बायपास करके भी बिजली चोरी की जा रही है. मीटर में चुंबक लगाने और रिमोट के माध्यम से भी बिजली चोरी करने के मामले भी सामने आ रहे हैं.
उड़नदस्तों के माध्यम से पर लगाम
बिजली चोरी को रोकने के लिए महावितरण ने उड़नदस्तों का गठन किया है. छापे, पड़ताल, हुक हटाने की मुहिम, मीटर जांच और खराब मीटरों को बदलने की जवाबदारी दस्ते पर होती है. बिजली चोरी का सीधा असर बिजली वितरण प्रणाली पर पड़ता है. लिहाज़ा बिजली लाइन एवं ट्रांसफार्मर तकनीकी खराबी का अंदेशा रहता है. रखरखाव एवं मरम्मत पर होना वाला खर्च भी बढ़ जाता है.
दो वर्ष की सजा
बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ पुलिस शिकायत की जाती है. दोषी पाए जाने पर दो वर्ष तक की सजा अथवा जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है, चोरी की गई बिजली की राशि के साथ कंपाउंडिंग राशि भी भरनी होती है. पैसे नहीं भरने वाले ग्राहकों के खिलाफ पुलिस में प्रकरण पंजीबद्ध होता है. महावितरण के मुख्य अभियंता दिलीप दोडके ने कहा कि बिजली चोरी दंडनीय अपराध है. वह सरकारी संपत्ति को हानि पहुंचाने जैसा ही है. बिजली चुराने वालों को जुर्माना देना पड़ता हैदो वर्ष तक की सजा भी हो सकती हैलोगों ने अधिकृत बिजली का उपयोग करना चाहिए.
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