विदर्भ का किसान कमजोर, राकेश टिकैत ने आत्महत्या करने का बताया असली कारण

नागपुर: विदर्भ किसान आत्महत्या के लिए देश भर में मशहूर है। रोजाना किसी न किसी जिले में कोई किसान अपनी जीवन लीला को समाप्त कर लेता है। इस आत्महत्या को रोकने के लिए सरकार नए-नए उपाय ढूढ़ती है। ऐसे कदम उठाती है कि, इससे ये आत्महत्या रुक जाए। लेकिन ये सभी उपाय सफल नहीं होते। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने विदर्भ में होने वाली किसान आत्महत्या पर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि, "मजबूत संगठन नहीं होने के कारण किसान यह कदम उठाने के लिए तैयार।
बीकेयू नेता अपने एक दिन के नागपुर दौरे पर पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने सिविल लाइन्स स्थित देशपांडे सभागृह में आयोजित किसान सभा को संबोधित किया। इसके पहले यूसीएन के रिपोर्टर दिव्येश द्विवेदी ने उनसे बात की। जिसमें विदर्भ में हो रहे किसान आत्महत्या को लेकर उनसे सवाल किया।
मजबूत किसान संगठन की जरूरत
जिस पर जवाब देते हुए टिकैत ने कहा, "विदर्भ के किसान का कमजोर होने का मुख्य कारण यहां कोई किसान आंदोलन नहीं है। यहां कोई मजबूत किसान संगठन नहीं है। इसलिए यहां के किसान संगठन आत्महत्या कर रहा है।" उन्होंने आगे कहा, "यहां पर भी एक मजबूत किसान संगठन की जरूरत है। बीकेयू नेता ने आगे कहा, "हम यहां आए हैं, यहां के लोगों से बातचीत करेंगे। और इनको हताश होने की जरुरत नहीं है। न देश का किसान आत्महत्या करे न संघर्ष करें।
उद्योगपतियों को देना चाहती है कृषि
टिकैत ने कहा, "मौजूदा समय की सरकार किसान सहित गांव को और गरीब करना चाहती है। इनकी नीतियां जनता को समझ आ चुकी है। जनता को एकजुट होना पड़ेगा।" मौजूदा सरकार ने कई बार कह चुकी है कि, वह कृषि से 40 प्रतिशत लोगों को हटाना चाहती है। अगर 40 प्रतिशत को हत्या तो उन्हें रोजगार क्या देंगे ऐसा सवाल भी खड़ा किया। टिकैत ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, ये लोग कृषि को बड़ी कंपनियों के हाथो में देना चाहते हैं। ये इस निति पर काम कर रहे हैं कि, देश और गरीब हो।

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