वाठोडा में 18.35 हेक्टेयर भूमि विकसित होगा विश्वस्तरीय कॉलेज, विश्वविद्यालय; पीपीपी मॉडल पर होगा निर्माण
- 18.35 हेक्टेयर भूमि में विश्वस्तरीय कॉलेज और विश्ववद्यालय का होगा निर्माण
- पीपीपी मॉडल पर होगा शिक्षण संस्थान का निर्माण
- 30 साल की लीज पर दी जाएगी भूमि
- शहर के छात्रों के लिए 25 प्रतिशत सीट होगी आरक्षित, फीस में मिलेगी 20 प्रतिशत की छूट
नागपुर: शहर को शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए नागपुर महानगर पालिका (NMC) ने बड़ा फैसला किया है। जिसके तहत वाठोडा क्षेत्र में 18.35 हेक्टेयर भूमि में विश्वस्तरीय शिक्षण संस्था और विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। पीपीपी मॉडल पर इन संस्थानों का निर्माण किया जाएगा। मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी (Dr. Abhijeet Choudhary) के आदेश पर मनपा ने अधिसूचना जारी कर प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था से आवदेन मांगे हैं।
30 साल के पट्टे पर दी जाएगी भूमि
मनपा ने मौजा वाठोडा में विकास योजना के लिए 18.35 हेक्टेयर भूमि आरक्षित कर के रखी थी। जिसे अब मनपा ने विश्वस्तरीय शिक्षण संस्था का निर्माण करने के लिए देने का फैसला किया है। परिसर को सालाना 5 फीसदी की दर से किराया बढ़ाने की शर्त के साथ 30 साल के लिए पट्टे पर दिया जाएगा. कुल 18.35 हेक्टेयर भूमि में से 16.35 हेक्टेयर भूमि उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए और 2 हेक्टेयर भूमि प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक शैक्षणिक संस्थानों (केजी 2 से उच्चतर माध्यमिक) के लिए स्थापित की जाएगी।
शहर के छात्रों के लिए 25 प्रतिशत सीट होगी आरक्षित
इस भूमि में जो भी संस्थान खुलेगा उनमें नागपुर शहर वासियों के लिए 25 प्रतिशत सीटों को आरक्षित करने का आदेश मनपा ने रखा है। यानी की संसथान के कुल सीट का एक तिहाई हिस्सा उपराजधानी के छात्रों को दाखिला दिया जाएगा। इसी के साथ शिक्षण संस्थानों को शहर के छात्रों को कुल फ़ीस में से 20 प्रतिशत राशि की छूट भी देना अनिवार्य होगा।
4040 छात्र कर सकेंगे पढाई
16 हेक्टर में बनने वाले कैम्पस में 4040 छात्रों का दाखिला किया जाएगा। कुल प्रस्तावित क्षमता में से कम से कम 50 प्रतिशत व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पेशकश की जाएगी और शेष 50 प्रतिशत क्षमता का निर्धारण शैक्षणिक संस्थानों द्वारा अपनी पसंद के पाठ्यक्रम तय करने के लिए किया जाएगा। मनपा के इस निर्णय से उपराजधानी शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनेगी। वर्तमान में उच्च शिक्षा के लिए नागपुर सहित विदर्भ के छात्रों को पुणे जाना पड़ता है, वहीं विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थान यहीं उपलब्ध होने से छात्रों का पलायन बंद होगा। इसी के साथ नए रोजगार के अवसर भी यहाँ उपलब्ध होंगे।
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