Nagpur: भाजपा ने चुनाव आयोग को सौंपा 100 किलों वजनी दस्तावेज, एक महीने के अंदर सभी नामों को दोबारा शामिल करने की मांग

नागपुर: मतदाता सूची से सवा दो लाख लोगों का नाम हटाने का आरोप भाजपा ने चुनाव आयोग पर लगाया था। इसी को लेकर गुरुवार को अध्यक्ष बंटी कुकड़े के नेतृत्व में शहर भाजपा नेताओं ने जिलाधिकारी डॉ. बिपिन इतनकार से मुलाकात की। इस दौरान लगाए आरोप पर सबूत के तौर पर 100 किलों वजनी दस्तावेज भी सौंपें। भाजपा नेताओं ने जिलाधिकारी से एक महीने के अंदर सभी नामों को दोबारा मतदान सूची में शामिल करने की मांग की और ऐसा नहीं करने पर आंदोलन का रास्ता अपनाने की चेतावनी भी दी।
नागपुर लोकसभा सीट पर वोटिंग के दिन मतदान सूची में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। लोकसभा के आधीन आने वाली सभी विधानसभा क्षेत्र में लाखों लोगों के नाम या तो मतदान सूची में नहीं थे, या गलत छपे हुए थे। जिसके कारण वह सभी वोट नहीं कर पाए। मतदान के बाद भाजपा ने दावा किया था कि, करीब सवा दो लाख लोगों के नामों में गड़बड़ी पाई गई जिसके कारण वह वोट नहीं डाल पाए। लोकसभा में हुई गड़बड़ी की पुनरावृत्ति विधानसभा चुनाव में न हो इसको लेकर भाजपा ने काम करना शुरू कर दिया है।
गुरुवार को शहर भाजपा अध्यक्ष बंटी कुकडे के नेतृत्व में भाजपा नेताओं ने जिले के डीएम डॉक्टर विपिन इटनकर से मुलाकात की। इस दौरान नेताओं ने अपने आरोपों के सबूत के तौर पर सभी छह विधानसभा क्षेत्रों से इकट्ठा किये गए दस्तावेज भी सौंपे। कुकड़े ने कहा कि, मतदान से वंचित रखना यह दंडनीय अपराध है। लेकिन लोकसभा चुनाव के समय करीब सवा दो लाख लोगों को मतदान करने से वंचित रखा गया। लोग मतदान कार्ड लेकर घूमते रहे लेकिन सूची में उनका नाम नहीं था। इस दौरान कुकड़े ने प्रशासन से उनका कर्त्तव्य निभाने और सभी का नाम दोबारा जोड़ने की मांग की।
हमें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के निजी सचिव सुधीर दिवे ने कहा कि, "मतदान के पहले जो हमें मतदान सूची प्राप्त हुए थे, उनमे सभी लोगो के नाम शामिल थे। वहीं मतदान के दिन वाले सूची में नाम गायब रहा। आखिर उनका नाम किस कारण कटा गया ऐसा सवाल भी दिवे ने पूछा। दिवे ने सभी का नाम दोबारा जोड़ने की मांग करते हुए कहा कि, एक महीने के अंदर ऐसा नहीं किया गया तो हमें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

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