चुनाव की घोषणा से पहले ही टिकट की दौड़ तेज़! भाजपा-कांग्रेस के दफ्तरों में दावेदारों की भीड़ बढ़ी!
नागपुर: नागपुर महानगर पालिका चुनाव की घोषणा भले ही अभी बाकी हो, लेकिन शहर का सियासी पारा पहले से ही चढ़ चुका है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में टिकट की दावेदारी को लेकर हलचल तेज़ हो गई है। संभावित उम्मीदवार वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में सक्रिय हो चुके हैं, वहीं संगठन के गलियारों में सिफारिशों का दौर भी शुरू हो गया है। चुनावी बिगुल बजने से पहले ही नागपुर की राजनीति गर्मा गई है।
नागपुर महानगर पालिका चुनाव की आधिकारिक घोषणा भले ही अभी न हुई हो, लेकिन शहर की राजनीतिक सरगर्मियाँ चरम पर हैं। चुनावी बिगुल बजने से पहले ही टिकट की दावेदारी को लेकर भाजपा और कांग्रेस — दोनों ही पार्टियों में हलचल तेज़ हो चुकी है। संभावित उम्मीदवारों ने वरिष्ठ नेताओं के दरवाज़े खटखटाना शुरू कर दिया है, ताकि टिकट की दौड़ में अपनी स्थिति मज़बूत कर सकें।
भाजपा में पुराने नगरसेवकों और नए चेहरों के बीच टिकट को लेकर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है। कई कार्यकर्ता जनता के बीच सक्रिय रहने के बजाय अब पार्टी के शीर्ष नेताओं से सिफारिशें और समर्थन पत्र जुटाने में लगे हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक कुछ नेताओं के घरों पर दिनभर दावेदारों का तांता लगा रहता है।
कांग्रेस में भी यही स्थिति देखने को मिल रही है। चुनाव की घोषणा से पहले ही शहर कांग्रेस कार्यालय में दावेदारों की भीड़ बढ़ गई है। टिकट की दावेदारी पेश करने और प्रदेश नेतृत्व तक पहुँच बनाने की कोशिशें तेज़ हो चुकी हैं। कई पुराने कार्यकर्ताओं का कहना है कि “हमने लगातार जनता के बीच काम किया, लेकिन टिकट पाने के लिए अब सिफारिश ज़रूरी होती जा रही है।”
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस बार नागपुर में टिकट की होड़ समय से पहले ही शुरू हो चुकी है। चुनाव कार्यक्रम घोषित होने से पहले ही नेताओं के बीच सक्रियता, मुलाक़ातें और अंदरखाने बैठकों की रफ़्तार इस बात का संकेत दे रही हैं कि महानगर पालिका चुनाव इस बार पहले से कहीं अधिक दिलचस्प और प्रतिस्पर्धी रहने वाले हैं।
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