कृषि असंवेदनशील तरीके से कर रहे काम, विजय वडेट्टीवार ने कहा- बहुमत मिलने से मंत्री हो गए बेकाबू

नागपुर: कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) ने माणिकराव कोकाटे (Manikrao Kokate) की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में बेमौसम बारिश के कारण किसानों को नुकसान होने पर कृषि मंत्री असंवेदनशील तरीके से काम कर रहे हैं। राज्य के विदर्भ और मराठवाड़ा में बेमौसम बारिश से किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। अरहर, अंगूर, प्याज और सब्जियों जैसी फसलें नष्ट हो गई हैं। विजय वडेट्टीवार ने माणिकराव कोकाटे के बयान पर संज्ञान लेते हुए कहा कि किसानों को राहत देने के बजाय कृषि मंत्री की भाषा असंवेदनशील है।
कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे बेमौसम बारिश से हुए नुकसान का निरीक्षण करने कल नासिक गए। इस बार जब किसानों ने उनसे कृषि ऋण माफी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वे सिर्फ किसानों की बात सुनें। ऋण माफी मिलने के बाद आप उस पैसे का क्या करते हैं? क्या आप कृषि में निवेश करते हैं? माणिकराव कोकाटे ने यह सवाल किसानों से पूछा। उनके बयान पर संज्ञान लेते हुए कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार की कड़ी आलोचना की।
विजय वडेट्टीवार ने वास्तव में क्या कहा?
वडेट्टीवार ने कहा, "किसान अपनी फसलों के नुकसान के कारण संकट में हैं, तो उनकी बात समझने के बजाय, महायुति के मंत्री शत्रुतापूर्ण तरीके से बोल रहे हैं। विजय वडेट्टीवार ने किसानों को मझधार में छोड़ने के लिए सरकार की आलोचना की, क्योंकि इन मंत्रियों को लगता है कि बहुमत मिलने के बाद कोई भी उनका कुछ नहीं कर पाएगा।"
किसान आत्महत्या करें, उन्हें नुकसान सहने दें, महागठबंधन सरकार को आम लोगों और किसानों से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे समय में जब बेमौसम बारिश के कारण फसलें बर्बाद हो गई हैं, किसानों को राहत देने के बजाय कृषि मंत्री की भाषा असंवेदनशील है। विजय वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य में बेमौसम बारिश के कारण हमारी मांग है कि पंचनामा कर किसानों को जल्द से जल्द मदद दी जाए।
कम से कम पंचनामा करने का कष्ट करें
पिछले तीन-चार दिनों में हुई बेमौसम बारिश के कारण महाराष्ट्र में किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इस सरकार ने साधारण पंचनामा करने की भी जरूरत महसूस नहीं की। ऐसा कोई आदेश भी नहीं दिया गया है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के पैरों के पास की घास छीन ली। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, "मदद बाद में कर लेना, लेकिन कम से कम पंचनामा करने की जहमत तो उठाओ।" सरकार पंचनामा करने की भी जहमत नहीं उठाती, यह सरकार इतनी अक्षम और किसान विरोधी है कि गद्दी पर बैठी है।
कर्जमाफी पर किसानों के साथ धोखा
पिछले दो वर्षों से किसान अनेक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं तथा उनका पैसा भी नहीं दिया गया है। ऋण माफी तो दूर की बात है, किसानों के साथ बेईमानी की जा रही है। किसानों को धोखा दिया जा रहा है। लेकिन विजय वडेट्टीवार ने सरकार से मांग की कि नुकसान इतना अधिक हुआ है कि इसका तत्काल आकलन किया जाना चाहिए और किसानों को राहत प्रदान की जानी चाहिए। अन्यथा इन लोगों को सड़कों पर न घूमने दें, ऐसी अपील भी विजय वडेट्टीवार ने किसानों से की।

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