'हर्षवर्धन सपकाल के XX में दम है तो संघ मुख्यालय के दरवाजे को हाथ लगाकर दिखाए', कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर संदीप जोशी का पलटवार

नागपुर: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल (Harshwardhan Sapkal) द्वारा संघ (RSS) और भाजपा (BJP) को लेकर दिए बयान पर सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस नेता के बयान पर भाजपा विधायक संदीप जोशी (MLA Sandip Joshi) ने पलटवार किया है। गुरुवार को नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए जोशी ने कहा कि, "अगर कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष के XX में हिम्मत है तो वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय (Rashtriya Swayam Sevak Sangh) का ताला तोड़कर दिखाएं।" इसी के साथ जोशी ने यह भी कहा कि, "नागपुर में जो दंगा (Nagpur Riot) हुआ वह किसने किया सभी जानते हैं।"
संदीप जोशी ने कहा, "बीसवीं सदी में किसी में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय का ताला छूने का साहस किसी के XX में नहीं है। अगर हर्षवर्धन सपकाल के XX में थोड़ी भी हिम्मत है तो वे यहां आएं और संघ मुख्यालय का ताला छू लें। फिर वे हैं और हम हैं। यदि उन्हें ऐसी तुलना करनी थी तो उन्हें पहले ही ऐसा कर लेना चाहिए था। नागपुर दंगों पर मात्र 4 घंटे में काबू पा लिया गया। यह सर्वविदित है कि यह दंगा किसने और क्यों कराया। हर्षवर्धन सपकाल को भड़काऊ बयान देने के बजाय सच्ची सद्भावना दिखानी चाहिए थी।"
भाजपा विधायक ने आगे कहा, "न तो भाजपा और न ही आरएसएस औरंगजेब की कब्र से पीछे हटे हैं। मराठों ने अपने पराक्रम से औरंगजेब और अफजल खान को महाराष्ट्र की धरती में दफना दिया। इसलिए, संघ का मानना है कि ये सभी मुद्दे सुलझा लिये गये हैं। परिणामस्वरूप, इस मुद्दे को ज्यादा उठाने की जरूरत नहीं है। हर्षवर्धन सपकाल का बयान हास्यास्पद और भड़काऊ है। वे जानते थे कि मुस्लिम संघ कार्यालय पर हमला करने वाला है। संघ कार्यालय का ताला तोड़ने जा रही थी। उन्होंने यह जानकारी खुफिया एजेंसियों को क्यों नहीं दी? ऐसा सवाल भी पूछा?
जोशी ने की विकास ठाकरे की तारीफ
कांग्रेस की सद्भावना यात्रा को नौटंकी बताते हुए विधायक जोशी ने कहा, "हिंसा के दौरान, नागपुर मध्य से केवल हमारे विधायक प्रवीण दटके ही वहां मौजूद थे। एक भी कांग्रेस विधायक सद्भावना दिखाने वहां नहीं गया। यह कांग्रेस की असली विशेषता है।" कांग्रेस अध्यक्ष को भड़काऊं बयान देने से बचने की सलाह देने हुए जोशी ने विधायक विकास ठाकरे की तारीफ भी की। जोशी ने कहा, "मैं इस मामले में कांग्रेस नेता विकास ठाकरे की सराहना करता हूं। क्योंकि उन्होंने नागपुर हिंसा के दौरान आग में घी डालने का काम नहीं किया। उन्होंने देखा कि यह सब कैसे शांत किया जा सकता है।

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