logo_banner
Breaking
  • ⁕ 2 दिसंबर को होगी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए वोटिंग, 3 दिसंबर को मतगणना, राज्य चुनाव आयोग ने की घोषणा ⁕
  • ⁕ गरीब बिजली उपभोक्ताओं को 25 साल तक मिलेगी मुफ्त बिजली, राज्य सरकार की स्मार्ट योजना के लिए महावितरण की पहल ⁕
  • ⁕ उद्धव ठाकरे और चंद्रशेखर बावनकुले में जुबानी जंग; भाजपा नेता का सवाल, कहा - ठाकरे को सिर्फ हिंदू ही क्यों नजर आते हैं दोहरे मतदाता ⁕
  • ⁕ ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 1 करोड़ 8 लाख की ठगी, साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज ⁕
  • ⁕ Amravati: दरियापुर-मुर्तिजापुर मार्ग पर भीषण दुर्घटना, तेज गति से आ रही कार की टक्कर में दो लोगों की मौके पर ही मौत ⁕
  • ⁕ Kamptee: रनाला के शहीद नगर में दो माह के भीतर एक ही घर में दूसरी चोरी, चोर नकदी व चांदी के जेवरात लेकर फरार ⁕
  • ⁕ Yavatmal: भाई ने की शराबी भाई की हत्या, भतीजा भी हुआ गिरफ्तार, पैनगंगा नदी के किनारे मिला था शव ⁕
  • ⁕ जिला कलेक्टरों को जिला व्यापार में सुधार के लिए दिए जाएंगे अतिरिक्त अधिकार ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती जिले में नौ महीनों में 60 नाबालिग कुंवारी माताओं की डिलीवरी ⁕
  • ⁕ विश्व विजेता बनी भारतीय महिला क्रिकेट टीम, वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराया ⁕
Nagpur

जून महीने में नागपुर में हुई मात्र 97.9 एमएम बारिश, औसतन से 44 प्रतिशत कम


नागपुर: विदर्भ क्षेत्र में इस वर्ष जून महीने के अंत तक मानसून की रफ्तार बेहद धीमी रही, जिसका सबसे बड़ा असर नागपुर जिले में देखने को मिला। नागपुर में 1 जून से 30 जून तक कुल 97.9 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य बारिश 173.9 मिमी होनी चाहिए थी। इस तरह बारिश में 44 प्रतिशत की कमी आई है, जिसे "Deficient" यानी न्यूनतम की श्रेणी में रखा गया है।

विदर्भ के अन्य जिलों की स्थिति:
मौसम विभाग, नागपुर द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, विदर्भ के कुल 11 जिलों में से 4 जिले नागपुर, अमरावती, भंडारा और गोंदिया में औसत से कम वर्षा (Deficient) हुई है, जबकि 2 जिलों बुलढाणा और वाशिम में सामान्य से अधिक और बाकी में सामान्य बारिश दर्ज की गई है।

विदर्भ संभाग का औसत भी गिरा

विदर्भ संभाग की कुल औसत बारिश इस बार 155.2 मिमी रही, जबकि सामान्य बारिश 175.4 मिमी होती है। इसका मतलब है कि विदर्भ ने 12 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की है, हालांकि इसे अभी भी सामान्य श्रेणी में गिना गया है।

खेती पर संकट के बादल
बारिश में कमी का सबसे सीधा असर खेती-बाड़ी और बुवाई पर पड़ा है। नागपुर और आसपास के क्षेत्रों में कई किसानों ने शुरुआती बारिश को देखकर बुवाई कर दी थी, लेकिन अब उन्हें दोबारा बुवाई करने की नौबत आ रही है। इससे खर्च बढ़ेगा और उत्पादन पर असर पड़ सकता है।