PM Narendra Modi: संघ भारत की अमर संस्कृति का अक्षयवट, मोदी बोले- संस्कारों में सेवा आई तो बनी साधना

नागपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नागपुर के दौरे पर थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार के माधव नेत्रालय के विस्तारित भवन का शिलान्यास उनके द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने अपने 40 मिनट के भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यों पर प्रकाश डाला। इस बार उन्होंने बताया कि संघ ने अपनी स्थापना के बाद से किस तरह देश और समाज की रक्षा के लिए काम किया है। भारतीय संस्कृति की आलोचना कैसे करें, इस पर मार्गदर्शन दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत पर सैकड़ों वर्षों तक विदेशियों ने आक्रमण किया। कई क्रूर आक्रमणकारियों ने हमारे देश की सभ्यता और संस्कृति को कमजोर करने की कोशिश की। लेकिन, भारतीयता की मूल भावना को कोई भी कभी मिटा नहीं सका। भारतीय संस्कृति की रक्षा और उसकी ज्योति जलाए रखने के लिए देश में अनेक आंदोलन चले। इसमें भक्ति आंदोलन की बड़ी भूमिका है। हमारे देश के कई महान संतों ने भक्ति आंदोलन के माध्यम से राष्ट्रीयता की भावना को जीवित रखने का काम किया। भक्ति आंदोलन ने समाज में खाई को पाटने और सभी को एक सूत्र में पिरोने का काम किया।
मोदी ने संघ के बारे में वास्तव में क्या कहा?
विदेशी आक्रमण के बाद स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को जागृत किया और उनमें राष्ट्रवाद की भावना भरी। यह वह समय था जब भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन जोर पकड़ रहा था और डॉ. केशव हेडगेवार ने देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। डॉ. हेडगेवार और गुरुजी द्वारा सौ वर्ष पहले बोया गया बीज आज वटवृक्ष बन चुका है। संघ के सिद्धांतों और आदर्शों ने हमारे देश की मूल भावना को मजबूत करने का काम किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह भी कहा कि संघ सिर्फ एक वट वृक्ष नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति का सदाबहार वृक्ष है।
जहां भी सेवा कार्य है, वहां संघ है: मोदी
संघ सौ वर्षों से राष्ट्रीय चेतना को मजबूत करने का काम कर रहा है। दृष्टि और दिशा दो अलग-अलग चीजें हैं। बाह्य एवं आंतरिक दृष्टि आवश्यक है। गुलाबराव महाराज ने अपनी आंतरिक दृष्टि से कई पुस्तकें लिखीं। संघ एक अनुष्ठानिक बलिदान है। यह प्रत्येक स्वयंसेवक को समान अंतर्दृष्टि और परिप्रेक्ष्य देने का कार्य करता है। हमारा शरीर दान के लिए है। जब सेवा को संस्कार में शामिल कर लिया जाता है तो वह अभ्यास बन जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह भी कहा कि संघ की कई पीढ़ियों ने अपने सेवा कार्यों के माध्यम से संस्थाओं का निर्माण किया है।
चाहे वह सीमावर्ती क्षेत्र हों, जंगल हों या पहाड़ी क्षेत्र हों। संघ के स्वयंसेवक हर जगह सेवा कार्य कर रहे हैं। संघ वनवासी कल्याण आश्रम, एकल विद्यालय, संस्कृति और गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम कर रहा है। इसलिए, जहां भी सेवा कार्य है, वहां संघ है, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा। एक प्रशिक्षित सैनिक की तरह संघ के स्वयंसेवक हर जगह सेवा के लिए तैयार रहते हैं। सेवा हमारे दिल में है.

admin
News Admin