महाबोधि विहार को मुक्त कराने दीक्षाभूमि से संविधान चौक तक निकाला गया शांति मार्च

नागपुर: बोधगया स्थित महाबोधि विहार को मुक्त कराने की मांग को लेकर नागपुर में दीक्षाभूमि से संविधान चौक तक शांति मार्च निकाला और केंद्र सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दीक्षाभूमि का दौरा किया था। उस समय परम पूज्य डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर स्मारक समिति के अध्यक्ष ने अनुरोध किया था कि महाबोधि महाविहार को बौद्ध समुदाय को सौंप दिया जाए।
महाबोधि महाविहार हिंदू समुदाय का है। इसे बौद्ध समुदाय को हस्तांतरित करने के लिए कानून में बदलाव की मांग करने की आवश्यकता है। इसी मांग को लेकर आज बौद्ध बंधुओं ने हाथों में पंचशील ध्वज लेकर पवित्र दीक्षा भूमि से शांति मार्च निकाला। लगभग चार किलोमीटर लंबी यह रैली संविधान चौक पहुंची। बारिश के बावजूद रैली जारी रही। वहां पूज्य साधु-संतों और विभिन्न संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों ने मार्गदर्शन प्रदान किया।
उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन भी सौंपा और आकाश लामा, भिक्खु संघ, समता सैनिक दल, भारतीय बौद्ध महासभा और अन्य बौद्ध संगठनों की ओर से बोधगया में चल रहे विरोध प्रदर्शन के प्रति समर्थन व्यक्त किया। यह बोधगया मंदिर अधिनियम - 1949 को निरस्त करने और महाविहार को बौद्धों के पूर्ण नियंत्रण में सौंपने की लड़ाई है। अब यह लड़ाई देश-विदेश में उग्र रूप ले चुकी है।
भिक्खु संघ के नेतृत्व और समता सैनिक दल के नेतृत्व में शांति मार्च निकाला गया। शांति मार्च में भारतीय बौद्ध महासभा, अखिल भारतीय बौद्ध मंच, समता सैनिक दल, समस्त बुद्ध विहार समिति समेत सभी बौद्ध संगठनों ने हिस्सा लिया।

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