विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष पद पर अभिजीत वंजारी ने किया दावा, महाराष्ट्र प्रभारी पाटिल को लिखा पत्र

नागपुर: कांग्रेस नेता और विधायक अभिजीत वंजारी ने राज्य विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष पद पर दावा कर दिया है। वंजारी ने महाराष्ट्र प्रदेश प्रभारी एच के पाटिल को पत्र लिखकर यह मांग की है। कांग्रेस नेता ने पत्र में लिखा, “तेली समुदाय विदर्भ में दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है। महाविकास अघाड़ी सरकार में समाज को मंत्री पद नहीं दिया गया। इसलिए अब भी हमें विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मौका दिया जाना चाहिए।”
वंजारी ने पत्र में कहा कि मैं दिसंबर 2020 में विधान परिषद के नागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुना गया था। आजादी के बाद पहली बार इस प्रतिष्ठित सीट पर कांग्रेस का कोई उम्मीदवार जीत सका. 2019 से जून 2022 तक महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान तेली जाति समुदाय को मंत्री पद नहीं दिया गया। तेली समुदाय विदर्भ का दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है। दूसरी ओर, भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चंद्रशेखर बावनकुले के साथ विभिन्न स्तरों पर तेली समुदाय का प्रतिनिधित्व किया है।
शिवसेना और एनसीपी के बीच विभाजन के कारण, कांग्रेस विधान परिषद में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है। इसलिए संभावना है कि नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस को मिलेगा। मैं एक अच्छा वक्ता हूं और विधान परिषद के ढाई साल के छोटे से कार्यकाल में 125 से ज्यादा बार सदन की बहस में हिस्सा ले चुका हूं और प्रश्न प्रस्तुत किये हैं। कांग्रेस के कट्टर समर्थक होने के नाते वंजारी ने पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि मुझे विधान परिषद में विपक्ष के नेता के रूप में काम करने का मौका दिया जाए।
विधानसभा में विधायकों के बाद अब विधान परिषद में भी शिवसेना और एनसीपी विधायकों के बीच फूट पड़ गई है। उपसभापति नीलम गोरे, मनीषा कायंदे, विपलव बाजोरिया उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। इसलिए, ठाकरे समूह की ताकत 8 हो गई है। वहीं एनसीपी के रामराजे निंबालकर, विक्रम काले, अमोल मिटकरी, सतीश चव्हाण अनिकेत तटकरे, अजित पवार के समूह में शामिल हो गए। जिससे एनसीपी (शरद पवार) की ताकत घटकर 4 हो गई है। कांग्रेस के 9 सदस्य हैं। इससे कांग्रेस की नेता प्रतिपक्ष पद की मांग को बल मिल गया है।

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