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Nagpur

विविध मांगों को लेकर एसटी कर्मचारियों का आंदोलन; सरकार पर धोखा देने के लिए लगाया आरोप, मांग नहीं मानने पर हड़ताल पर जाने की दी चेतवानी


नागपुर: राज्य सरकार द्वारा की गई घोषणा के बाद भी राज्य परिवहन निगम एसटी के कर्मचारियों (State Transport Department) को तनख्वाह नहीं मिली है। बुधवार को राज्य भर में एसटी कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। इसी के तहत उपराजधानी नागपुर (Nagpur) के गणेशपेठ स्थिति एसटी डिपो (ST Depot) के बाहर प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र एसटी वर्कर्स एसोसिएशन के बैनर तले यह प्रदर्शन किया गया। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए रुकी हुई रकम देने की मांग की। वहीं मांग नहीं मानने पर हड़ताल पर जाने की चेतवानी भी दी। 

महाराष्ट्र एसटी वर्कर्स एसोसिएशन के राज्य उपाध्यक्ष अजय हट्टेवार ने कहा कि, "यह विरोध प्रदर्शन नागपुर डिवीजन के सभी आठ डिपो, डिवीजनल वर्कशॉप और डिवीजनल कार्यालयों में श्रमिकों के अधिकारों के लिए किया जा रहा है।" उन्होंने आगे कहा, "सरकार ने एसटी कर्मचारियों को पांच माह पहले दी गई वेतन वृद्धि में उल्लिखित अवधि के अनुसार वेतन वृद्धि नहीं दी है।"

हट्टेवार ने आगे कहा, "विभिन्न संगठनों की संयुक्त कार्रवाई समिति के साथ निगम और सरकार के साथ हुई चर्चा के अनुसार, सरकार ने अप्रैल 2020 से वेतन वृद्धि की घोषणा की, लेकिन वास्तविक भुगतान अप्रैल 2024 से किया गया और एसटी श्रमिकों के साथ धोखा किया गया। इसके साथ ही कई अन्य मांगें भी लंबित हैं। इसलिए एसटी कर्मचारियों को न्याय के अपने अधिकार के लिए यह विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है।" हट्टेवार ने यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार और एसटी निगम ने तत्काल मांगें नहीं मानीं तो भविष्य में यह विरोध प्रदर्शन तेज किया जाएगा। 

एसटी श्रमिकों की मांगें क्या हैं?

2016-2020 में हुए एकतरफा समझौते से बची हुई राशि निगम द्वारा वितरित की जाए, एसटी कर्मचारियों को 2018 से महंगाई भत्ते का बकाया दिया जाए, सरकारी कर्मचारियों के अनुसार महंगाई भत्ते में 53 प्रतिशत की वृद्धि दी जाए, समझौते के अनुसार 3 प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि का बकाया दिया जाए, श्रम समझौते के अनुसार 8 प्रतिशत, 16 प्रतिशत, 24 प्रतिशत मकान किराया भत्ता का बकाया दिया जाए, दमनकारी अनुशासन व आवेदन प्रणाली को समाप्त कर नई प्रणाली शुरू की जाए, यात्री किराया पहले की तरह 5 रुपए के गुणकों में बढ़ाया जाए सहित अन्य कुल 16 मांगें प्रदर्शनकारियों द्वारा सरकार से की जा रही हैं।