Akola: फर्जी प्रमाणपत्र की करें जाँच, जिला परिषद् सीईओ ने दिए आदेश

अकोला: जिले में शिक्षकों की ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया में फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र और गलत दूरी प्रमाण पत्र का उपयोग श्रेणी-1 और श्रेणी-2 के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए किए जाने से शिक्षा प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस संबंध में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनीता मेश्राम ने एक पत्र जारी कर गहन जांच के आदेश दिए हैं और तालुका स्तरीय दस्तावेज सत्यापन समितियों को दो दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शिक्षकों के ऑनलाइन तबादलों का निर्णय 18 जून 2024 को लिया गया था। उसके बाद प्रमाण पत्र सत्यापन को और अधिक मजबूती देते हुए 16 जून 2025 को एक नया परिपत्र जारी किया गया है। जिले में कुल 808 शिक्षकों ने श्रेणी-1 और 140 शिक्षकों ने श्रेणी-2 का लाभ उठाया है। उनमें से 16 कर्मचारियों को अयोग्य घोषित किया गया है।
यह मामला प्रशासनिक व्यवस्था की छवि को धूमिल कर रहा है, तथा शिकायत सही पाए जाने पर जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिता मेश्राम ने संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है। इसके कारण इस फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र की जांच ने शिक्षा क्षेत्र का ध्यान खींचा है। प्रशासन का अगला कदम दो दिनों में दस्तावेज सत्यापन पूरा करना, विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए मेडिकल जांच, 18 जून तक रिपोर्ट अनिवार्य होना तय किया गया है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिता मेश्राम के आदेशानुसार, समूह विकास अधिकारी, तालुका स्वास्थ्य अधिकारी और समूह शिक्षा अधिकारी वाली तालुका दस्तावेज सत्यापन समितियों को श्रेणी 1 और 2 के तहत प्रस्तुत सभी प्रमाण पत्रों की एक बार फिर से गहन जांच करनी होगी।

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