logo_banner
Breaking
  • ⁕ खातों में निकली 22.76 करोड़ रुपए की अनियमितता, सीनेट में बवाल, कुलगुरु ने जांच समिति गठित, सवालों के घेरे में विश्वविद्यालय प्रशासन ⁕
  • ⁕ Amravati: तलेगांव ठाकुर जंक्शन से कई सूचना फलक अचानक हटे, जमीन पर मिले प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र सहित विभिन्न संस्थानों के सूचना फलक ⁕
  • ⁕ Wardha: जिले की देवली नगर परिषद में मतदान जारी, मतदाता सुबह से विभिन्न मतदान केंद्रों पर डाल रहे वोट ⁕
  • ⁕ Gondia: गोंदिया और तिरोड़ा नगर परिषद् के वार्डो में मतदान जारी, 18 हजार मतदाता करेंगे 18 उम्मीदवारों का फैसला ⁕
  • ⁕ विदर्भ की सात सहित 23 नगर परिषद में आज मतदान, मतदान केंद्रों पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था, रविवार को होगी परिणामों की घोषणा ⁕
  • ⁕ खापरी ROB–MIHAN इंटरचेंज फ्लाईओवर का काम हुआ शुरू, 24 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य ⁕
  • ⁕ बुटीबोरी एमआईडीसी हादसा: मुख्यमंत्री फडणवीस ने जताया शोक, मृतकों को सरकार पांच, तो कंपनी को देगी 30 लाख का मुआवजा ⁕
  • ⁕ Chandrapur: चंद्रपूर मनपा में नया विवाद; आयुक्त के ‘अलिखित फरमान’ से अधिकारी-कर्मचारी परेशान ⁕
  • ⁕ सूदखोरी का कहर! चंद्रपुर में साहूकारों की दरिंदगी, एक लाख का कर्ज़ 47 लाख बना; कर्ज चुकाने किसान ने बेच दी किडनी ⁕
  • ⁕ Nagpur: चोरी के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार, तीन चोरी की वारदातों का खुलासा, क्राइम ब्रांच यूनिट 3 की कार्रवाई ⁕
Akola

Akola: फर्जी प्रमाणपत्र की करें जाँच, जिला परिषद् सीईओ ने दिए आदेश


अकोला: जिले में शिक्षकों की ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया में फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र और गलत दूरी प्रमाण पत्र का उपयोग श्रेणी-1 और श्रेणी-2 के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए किए जाने से शिक्षा प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस संबंध में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनीता मेश्राम ने एक पत्र जारी कर गहन जांच के आदेश दिए हैं और तालुका स्तरीय दस्तावेज सत्यापन समितियों को दो दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शिक्षकों के ऑनलाइन तबादलों का निर्णय 18 जून 2024 को लिया गया था। उसके बाद प्रमाण पत्र सत्यापन को और अधिक मजबूती देते हुए 16 जून 2025 को एक नया परिपत्र जारी किया गया है। जिले में कुल 808 शिक्षकों ने श्रेणी-1 और 140 शिक्षकों ने श्रेणी-2 का लाभ उठाया है। उनमें से 16 कर्मचारियों को अयोग्य घोषित किया गया है।

यह मामला प्रशासनिक व्यवस्था की छवि को धूमिल कर रहा है, तथा शिकायत सही पाए जाने पर जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिता मेश्राम ने संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है। इसके कारण इस फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र की जांच ने शिक्षा क्षेत्र का ध्यान खींचा है। प्रशासन का अगला कदम दो दिनों में दस्तावेज सत्यापन पूरा करना, विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए मेडिकल जांच, 18 जून तक रिपोर्ट अनिवार्य होना तय किया गया है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिता मेश्राम के आदेशानुसार, समूह विकास अधिकारी, तालुका स्वास्थ्य अधिकारी और समूह शिक्षा अधिकारी वाली तालुका दस्तावेज सत्यापन समितियों को श्रेणी 1 और 2 के तहत प्रस्तुत सभी प्रमाण पत्रों की एक बार फिर से गहन जांच करनी होगी।