Akola: नवीनीकरण शुल्क में वृद्धि के खिलाफ वाइन एवं बीयर बार एसोसिएशन का बंद, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
अकोला: शराब की बिक्री से सरकार को बड़ी मात्रा में टैक्स प्राप्त होता है। यह राज्य सरकार के लिए राजस्व का एक बड़ा स्रोत है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए शराब बिक्री कर और नवीनीकरण शुल्क में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इसका वित्तीय प्रभाव लाइसेंसधारियों पर पड़ रहा है। इसके विरोध में 20 मार्च को अकोला जिला वाइन एवं बीयर बार एसोसिएशन द्वारा बंद का आह्वान किया गया है। इस संबंध में संगठन की ओर से जिला कलेक्टर को विभिन्न मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।
सभी प्रकार की देशी शराब, बीयर और वाइन बेचने के लिए सरकारी अनुमति की आवश्यकता होती है। इसका नियंत्रण राज्य आबकारी विभाग द्वारा किया जाता है। आबकारी विभाग द्वारा शराब की दुकानें खोलने, होटलों और बार में शराब परोसने या विभिन्न क्लबों में शराब परोसने के लिए अलग-अलग लाइसेंस जारी किए जाते हैं।
राज्य में विदेशी शराब और देशी शराब की खरीद, कब्जे, परिवहन और खपत के लिए अलग-अलग लाइसेंस की आवश्यकता होती है। तालीराम द्वारा प्रतिदिन लाखों लीटर शराब का उत्पादन किया जाता है। इसलिए, सरकार को शराब की बिक्री से बड़ी मात्रा में राजस्व प्राप्त होता है। राज्य सरकार ने अब करों और नवीकरण शुल्क में और भी अधिक वृद्धि कर दी है।
बढ़ते करों और शुल्कों का बोझ लाइसेंसधारियों पर पड़ रहा है। इसलिए, इसके खिलाफ विरोध के हथियार निकाले गए। अकोला जिला वाइन बार और बीयर बार एसोसिएशन ने करों और शुल्कों में वृद्धि का कड़ा विरोध किया। सरकार ने परमिट रूम में शराब की बिक्री पर वैट में 10 प्रतिशत की वृद्धि की है।
इसके अलावा 2025-26 के लिए नवीनीकरण शुल्क में 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इन दोनों निर्णयों से लाइसेंसधारकों पर भारी वित्तीय असर पड़ रहा है। अकोला जिला वाइन एवं बीयर बार एसोसिएशन, होटल एसोसिएशनों के महासंघ ने इस अनुचित एवं अन्यायपूर्ण कर एवं शुल्क वृद्धि को रद्द करने के विरोध में आज बंद का आह्वान किया।
इस हड़ताल के समर्थन में परमिट रूम बंद कर दिए गए हैं। इस हड़ताल की पृष्ठभूमि में संगठन ने जिला कलेक्टर से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष अतुल पवनीकर, सचिव सिमंत तायडे सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
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