Yavatmal: उमरखेड़ विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर सत्ता-विपक्ष के नेताओं में आरोप प्रत्यारोप

यवतमाल: उमरखेड़ विधानसभा क्षेत्र में चुनाव की बयार जोरों से बह रही है. इस निर्वाचन क्षेत्र में महागांव और उमरखेड़ दो तहसीलें हैं. यहां के कई क्षेत्र अभी भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं.
पिछले दस साल में भाजपा के दो विधायक चुने गए. विकास कार्यों का वादा कर भाजपा प्रत्याशियों ने वोट मांगे. लेकिन हकीकत तो यह है कि संसदीय क्षेत्र के साथ ही प्रतिबंधित क्षेत्र के रूप में जाना जाने वाला ढांकी-बिटरगांव सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर है. विरोधी इसी मुद्दे को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं. सत्ता पक्ष के विधायक और विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं.
उमरखेड़ में अस्पताल का निर्माण हुए दो साल हो गए हैं। इसका उद्घाटन नहीं हुआ. यही हाल थाने का भी हुआ. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डाॅ. भुजबल ने खुद उद्घाटन करने की पहल की. ग्रामीण अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोई डॉक्टर या कर्मचारी नहीं हैं.
कांग्रेस नेता साहेबराव कांबले ने आरोप लगाया है कि सड़क, बिजली और पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ। उन्होंने चुनौती दी है कि मौजूदा विधायक द्वारा किया गया एक भी दिखाइए. वहीं, विधायक नामदेव ससाणे का कहना है कि काम करने के बाद भी विरोधी आरोप ही लगाते हैं. निर्वाचन क्षेत्र में काम किया गया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ बदनाम करने का काम कर रहा है.

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