दिल्ली में अमित शाह से मिले सुधीर मुनगंटीवार, मुलाकात के पीछे क्या है राजनीतिक अर्थ?

-पवन झबाडे
चंद्रपूर: वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कल दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के कई दिग्गज नेताओं से मुलाकात की, जिससे न केवल विदर्भ बल्कि पूरे महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है।
विशेष रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई लगभग 40 मिनट की बैठक के बाद भाजपा के आंतरिक समीकरणों को लेकर नई चर्चाओं को हवा मिली है।
मुलाकात का राजनीतिक संदर्भ
मुनगंटीवार ने स्पष्ट किया है कि यह मुलाकात अमित शाह ने ही तय की थी लेकिन सूत्रों के अनुसार, यह सिर्फ “औपचारिक भेंट” नहीं थी, बल्कि महाराष्ट्र भाजपा की वर्तमान संगठनात्मक और रणनीतिक स्थितियों से जुड़ी हुई थी।
राज्य में महायुति सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान सुधीर मुनगंटीवार को जगह न मिलने के बाद से ही उनकी भूमिका को लेकर तरह-तरह की चर्चाएँ चल रही थीं।
उन्होंने खुद नाराजगी से इनकार किया था, लेकिन उनके समर्थकों में असंतोष स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था।
मुनगंटीवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि
2014 से 2019 तक मुनगंटीवार महाराष्ट्र के वनमंत्री और वित्तमंत्री रहे हैं उनके कार्यकाल में वित्तीय अनुशासन, पर्यावरण संरक्षण और “हरित महाराष्ट्र” जैसे उपक्रमों को गति मिली लेकिन 2024 के मंत्रिमंडल विस्तार में उनका नाम अंतिम सूची से बाहर कर दिया गया। उन्होंने मीडिया में कहा था, “मुझे कारण नहीं पता, लेकिन मैं नाराज नहीं हूँ।”
चंद्रपुर भाजपा में गुटबाजी
वर्तमान में चंद्रपुर भाजपा में दो प्रमुख गुट दिखाई देते हैं,
- सुधीर मुनगंटीवार गुट – जिनका संगठन में गहरा अनुभव और मजबूत पकड़ है।
- किशोर जोरगेवार गुट – जो विधानसभा चुनाव मे भाजपा में शामिल हुए और स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली हैं।
मुनगंटीवार को मंत्रिपद न मिलने के बाद जिलास्तर पर नेतृत्व का संतुलन बिगड़ गया पालक मंत्री डॉ. अशोक उईके यवतमाल जिले के राळेगाव से विधायक है व चंद्रपूर जिल्हे के शासकीय कार्यक्रमा को निपटाकर अपने विधानसभा क्षेत्र में व्यस्त हो जाते है ऐसे में सवाल उठता है की चंद्रपूर जिल्हा भाजप का नेतृत्व कोण करेगा
दिल्ली दौरे के संकेत
ऐसे माहौल में मुनगंटीवार की अमित शाह से मुलाकात को केवल “सौजन्य मुलाकात” कहना उचित नहीं होगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बैठक के बाद महाराष्ट्र भाजपा में संगठनात्मक फेरबदल या नई जिम्मेदारियाँ मिलने की संभावना है निकट भविष्य में महानगरपालिका और स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनाव होने वाले हैं।
ऐसे समय पर पार्टी अनुभवी, कार्यकुशल और विदर्भ क्षेत्र में जनाधार रखने वाले नेताओं को फिर से प्रमुख भूमिका में लाने की तैयारी कर रही है।
संभावित राजनीतिक घटनाक्रम
- मुनगंटीवार को भाजपा की राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, खासकर विदर्भ–मध्य भारत क्षेत्र के संगठन को मजबूत करने के लिए।
- या फिर महाराष्ट्र सरकार के अगले मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें पुनः मंत्री पद मिल सकता है।
- उनकी इस मुलाकात के बाद चंद्रपुर भाजपा में आंतरिक समन्वय का नया फार्मूला भी सामने आ सकता है।
सुधीर मुनगंटीवार – अमित शाह की यह मुलाकात केवल औपचारिक नहीं मानी जा सकती। यह महाराष्ट्र और विदर्भ के राजनीतिक समीकरणों में नई हलचल पैदा करने वाली घटना साबित हो सकती है।
राज्य में भाजपा संगठन के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और ऐसे में अनुभवी नेताओं की भूमिका फिर से महत्वपूर्ण होती जा रही है। इन परिस्थितियों में यह सवाल अब चर्चा के केंद्र में है क्या इस मुलाकात से सुधीर मुनगंटीवार के राजनीतिक पुनरागमन का नया अध्याय शुरू हो गया है?

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