अमृत 2.0 परियोजना का होगा थर्ड पार्टी ऑडिट, काम की गुणवत्ता पर उठे सवाल के बाद राज्य सरकार का निर्णय

नागपुर: अमृत 2.0 परियोजना के तहत नागपुर शहर में बड़े स्तर पर सीवेज और पानी की लाइन डालने का काम किया जा रहा है। हालांकि, इस दौरान काम की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठाये जा रहे हैं। वहीं पोहरा नदी साफ़ अभियान सहित जलापूर्ति योजना में गुणवत्ता से समझौता कर काम करने की शिकायत दर्ज कराइ गई थी। ख़राब शिकायत को देखते हुए राज्य सरकार ने कामों का थर्ड पार्टी ऑडिट करने का फैसला किया है। इसको लेकर 30 जून को आदेश भी जारी कर दिया गया है।
जारी आदेश के अनुसार, सरकार ने महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण को नागपुर शहर में अमृत 2.0 योजना के तहत शुरू सभी कामों का थर्ड पार्टी तकनीक ऑडिट करने का आदेश दिया है। ज्ञात हो कि, पोहरा नदी को साफ़ करने और उसे पुनर्जीवित करने के लिए 900 करोड़ रूपये खर्च कर काम कर रही है। वहीं शहर में जलापूर्ति के लिए 381 करोड़ खर्च कर शहर भर में नई पाइप लाइन डाली जा रही है।
दो सप्ताह में तैयार करें आरएफपी
राज्य सरकार ने महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण को दो सप्ताह के अंदर तकनिकी ऑडिट करने के लिए संस्थाओं के चयन के लिए आरएफपी तैयार करने का निर्देश दिया है। वहीं एक राज्य सरकार की समिति इस काम की निगरानी करेगी। इसी के साथ समिति को आवश्यकतानुसार बदलाव करने का आदेश भी दिया है। ऑडिट का पूरा खर्च अमृत प्रशासनिक कोष से दिया जाएगा।

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