जबरन कर्ज वसूली और कर्ज माफी के लिए बच्चू कडू का फिर एलगार, 5 जुलाई से शुरू होगी 'सातबारा कोरा कोरा कोरा' यात्रा

अमरावती: सरकारी नीतियों में लगातार उपेक्षित रहे किसानों, खेतिहर मजदूरों, विधवाओं, विकलांगों, बेरोजगार युवाओं, ग्राम पंचायत कर्मचारियों, चरवाहों, मछुआरों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए बच्चू कडू (Bachhu Kadu) के नेतृत्व में 138 किलोमीटर की पदयात्रा 'सातबारा कोरा कारा' 5 जुलाई से शुरू होगी। बच्चू कडू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चेतावनी दी कि जब तक सरकार (Government) किसानों (Farmer's) को न्याय नहीं दिलाती, वे चैन से नहीं बैठेंगे।
यात्रा डॉ. पंजाबराव देशमुख की जन्मस्थली पापल से शुरू होगी और चिलगव्हान (साहेबराव करपे - वह गांव जहां पहले किसान ने आत्महत्या की थी) में समाप्त होगी। यह यात्रा उमर्दा बाजार, बोड़ेगांव, दरव्हा, तिवारी, तुपटाकाली, काली दौलत, गंज जैसे प्रमुख स्थानों से होकर गुजरेगी और सात दिनों में कुल 138 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
यह यात्रा सिर्फ एक राजनीतिक व्यक्ति नहीं है, यह किसानों और मेहनतकश लोगों के अधिकारों के लिए एक जन आंदोलन है। यात्रा जबरन ऋण वसूली रोकने और तत्काल ऋण माफी लागू करने जैसी प्रमुख मांगों पर केंद्रित होगी। इस दौरान स्थानीय समस्याओं को समझने के लिए प्रत्येक स्थान पर बैठकें, संवाद और पड़ाव किए जाएंगे।
यात्रा के दौरान किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए नीतियां लागू करने, विधवाओं और विकलांगों के लिए रोजगार और सुरक्षा योजनाएं लागू करने, मनरेगा के तहत बुवाई से कटाई तक के काम का विस्तार करने और मजदूरी बढ़ाने, युवाओं के लिए शिक्षा और स्वरोजगार के अवसर पैदा करने जैसी मांगें रखी जाएंगी।

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