सुनील केदार को बड़ा झटका, अदालत ने NDCC घोटाले जांच पर लगी रोक हटाई

नागपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुनील केदार (Sunil Kedar) को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने 2001 में हुए नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक घोटाले (NDCC) पर लगी रोक हटा दी है। शनिवार को सुनवाई करते हुए सर्वोच्चा न्यायालय (Supreme Court) ने यह आदेश दिया। इसके बाद मामले पर निर्णय आने का रास्ता साफ़ हो गया है।
ज्ञात हो कि, 2001 में नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में 152 करोड़ से ज्यादा का घोटाला सामने आया था। जिस समय यह घोटाला सामने आया उस समय सुनील केदार बैंक के अध्यक्ष थे। इसी संबंध में वह इस मामले का मुख्य आरोपी भी है। जब मामला अंतिम चरण में था तब केदार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। फिर कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी। लेकिन अब कोर्ट ने ये रोक हटा दी है।
क्या है पूरा मामला?
1999 में सुनील केदार नागपुर डिस्ट्रिक्ट बैंक के चेयरमैन थे। उस समय बैंक का धन एक निजी कंपनी की मदद से कलकत्ता में कंपनी के शेयरों में निवेश किया गया था। लेकिन सहकारिता विभाग के एक्ट के मुताबिक बैंक से छूट लिए बिना बैंक का पैसा कहीं और निवेश नहीं किया जा सकता। इस नियम का उल्लंघन कर राशि का निवेश किया गया। निजी कंपनी दिवालिया हो गई। इससे किसान का बैंक में रखा पैसा भी डूब गया।
केदार पर अपने स्वार्थ के लिए घोटाला करने का आरोप लगा। केस दर्ज होने के बाद मामला जिला सत्र न्यायालय में चलता है। जब मामला फैसले के अंतिम चरण में था, केदार यानी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई। इस दर्जे के खिलाफ राज्य सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ का दरवाजा खटखटाया था। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट से रोक हटाने का अनुरोध किया था। कोर्ट ने राज्य सरकार की मांग को स्वीकार कर लिया और रोक हटा दी।

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