देवेंद्र फडणवीस को बड़ी राहत, जिला अदालत ने वकील सतीश ऊके की याचिका की ख़ारिज
नागपुर: चुनावी हलफनामा मामले में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बड़ी राहत मिली है। जिला और सत्र न्यायालय ने उपमुख्यमंत्री के खिलाफ वकील सतीश ऊके द्वारा दायर याचिका को ख़ारिज कर दिया है। शुक्रवार को अदालत ने यह आदेश दिया।
ज्ञात हो कि, वकील सतीश ऊके ने जिला अदालत में याचिका दायर कर फडणवीस पर उनके खिलाफ दो आपराधिक मामले छुपाने का आरोप लगाया था। याचिका ने वकील ने फडणवीस पर मामला दर्ज करने की मांग की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए जिला व सत्र न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था और आठ सितंबर यानी आज निर्णय सुनने की बात कही थी। जहां अदालत ने याचिका को ख़ारिज कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान फडणवीस ने नामंकन के दौरान दो मामलों की जानकारी नहीं दी थी। इसी को मुद्दा बनाते हुए वकील सतीश ऊके ने फडणवीस पर जानबूझकर आपराधिक मामलो को छुपने का आरोप लगाते हुए अदालत में याचिका लगाई थी। याचिका में ऊके ने मामला दर्ज कर सुनवाई करने की मांग की थी। वहीं फडणवीस के वकीलों ने सुनवाई के दौरान कहा कि, जानबूझकर यह जानकारी नहीं छुपाई गई थी, बल्कि भूलवश यह हुआ।
जानें कौन थे वह दो मामले?
फडणवीस को लेकर जो दो मामले छुपाने का आरोप लगाए गए थे वह उनके नगरसेवक रहने के दौरान दर्ज हुए थे। कॉर्पोरेटर के तौर पर फडणवीस ने एक सरकारी वकील के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी और एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर वकील को एक मामले से हटाने की मांग की थी। जवाब में, वकील ने फडणवीस के खिलाफ ‘आपराधिक मानहानि’ का मामला दायर किया था। इसके बाद, वकील ने मामला वापस ले लिया, जिससे इस यह कानूनी मुद्दे खत्म हो गया।
दूसरे मामले में नगरसेवक होते हुए फडणवीस ने विशिष्ट स्थल पर स्थित झुग्गी बस्ती पर संपत्ति कर लगाने की वकालत की थी। नगरपालिका अधिकारियों ने उनकी सिफ़ारिश के अनुसार काम करते हुए झुग्गी बस्ती पर संपत्ति कर लगा दिया। इस पर एक निजी शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें कहा गया था कि भूमि निजी स्वामित्व में थी। आख़िरकार हाई कोर्ट ने इस शिकायत को ख़ारिज कर दिया और मामले का निपटारा फड़णवीस के पक्ष में रहा।
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