logo_banner
Breaking
  • ⁕ रामझुला ओवरब्रिज से 19 लाख के प्रोजेक्टर लाइट हुए चोरी, मनपा अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने मामला किया दर्ज ⁕
  • ⁕ राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का सुलेखा कुंभारे को नोटिस, कहा - मानहानि के लिए बिना शर्त मांगें माफी, वरना होगी कानूनी कार्रवाई ⁕
  • ⁕ मौसम विभाग ने विदर्भ के कुछ इलाकों में 7 और 8 दिसंबर को शीतलहर की जारी की चेतावनी ⁕
  • ⁕ अधिवेशन में पांच दिन काम होने की उम्मीद, अब बची नहीं जवाब देने वाली सरकार: विजय वडेट्टीवार ⁕
  • ⁕ Akola: शिंदे सेना की समीक्षा बैठक; 'महानगर पालिका पर लहराएगा भगवा' ⁕
  • ⁕ इंडिगो की फ्लाइट सर्विस में रुकावट की वजह से बनी स्थिति जल्द ही कंट्रोल में आएगी: राम नायडू ⁕
  • ⁕ Chandrapur: एमडी पाउडर के साथ दो युवक गिरफ्तार, स्थानीय क्राइम ब्रांच की कार्रवाई ⁕
  • ⁕ Parshivni: पुलिस पाटिल ने भागीमाहरी-पेढ़री ग्राम पंचायत क्षेत्र में हड़पी जल सिंचन विभाग की 5 एकड़ जमीन ⁕
  • ⁕ Buldhana: जलगांव जामोद से तीन नाबालिग लड़कियां लापता! माता-पिता की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ किडनैपिंग का केस दर्ज ⁕
  • ⁕ Wardha: नगर परिषद चुनाव से पहले अवैध शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़, 250 पेटी शराब जब्त, मुख्य आरोपी मौके से फरार ⁕
Nagpur

देवेंद्र फडणवीस को बड़ी राहत, जिला अदालत ने वकील सतीश ऊके की याचिका की ख़ारिज


नागपुर: चुनावी हलफनामा मामले में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बड़ी राहत मिली है। जिला और सत्र न्यायालय ने उपमुख्यमंत्री के खिलाफ वकील सतीश ऊके द्वारा दायर याचिका को ख़ारिज कर दिया है। शुक्रवार को अदालत ने यह आदेश दिया। 

ज्ञात हो कि, वकील सतीश ऊके ने जिला अदालत में याचिका दायर कर फडणवीस पर उनके खिलाफ दो आपराधिक मामले छुपाने का आरोप लगाया था। याचिका ने वकील ने फडणवीस पर मामला दर्ज करने की मांग की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए जिला व सत्र न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था और आठ सितंबर यानी आज निर्णय सुनने की बात कही थी। जहां अदालत ने याचिका को ख़ारिज कर दिया। 

क्या है पूरा मामला?

2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान फडणवीस ने नामंकन के दौरान दो मामलों की जानकारी नहीं दी थी। इसी को मुद्दा बनाते हुए वकील सतीश ऊके ने फडणवीस पर जानबूझकर आपराधिक मामलो को छुपने का आरोप लगाते हुए अदालत में याचिका लगाई थी। याचिका में ऊके ने मामला दर्ज कर सुनवाई करने की मांग की थी। वहीं फडणवीस के वकीलों ने सुनवाई के दौरान कहा कि, जानबूझकर यह जानकारी नहीं छुपाई गई थी, बल्कि भूलवश यह हुआ।

जानें कौन थे वह दो मामले?

फडणवीस को लेकर जो दो मामले छुपाने का आरोप लगाए गए थे वह उनके नगरसेवक रहने के दौरान दर्ज हुए थे। कॉर्पोरेटर के तौर पर फडणवीस ने एक सरकारी वकील के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी और एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर वकील को एक मामले से हटाने की मांग की थी। जवाब में, वकील ने फडणवीस के खिलाफ ‘आपराधिक मानहानि’ का मामला दायर किया था। इसके बाद, वकील ने मामला वापस ले लिया, जिससे इस यह कानूनी मुद्दे खत्म हो गया।

दूसरे मामले में नगरसेवक होते हुए फडणवीस ने विशिष्ट स्थल पर स्थित झुग्गी बस्ती पर संपत्ति कर लगाने की वकालत की थी। नगरपालिका अधिकारियों ने उनकी सिफ़ारिश के अनुसार काम करते हुए झुग्गी बस्ती पर संपत्ति कर लगा दिया। इस पर एक निजी शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें कहा गया था कि भूमि निजी स्वामित्व में थी। आख़िरकार हाई कोर्ट ने इस शिकायत को ख़ारिज कर दिया और मामले का निपटारा फड़णवीस के पक्ष में रहा।