रश्मि बर्वे को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने जाती पंजीयन समिति के निर्णय पर लगाई रोक; लेकिन नहीं लड़ सकेंगी चुनाव

नागपुर: जिला परिषद् की पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता रश्मि बर्वे (Rashmi Barve) को बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ (Bombay High Court Nagpur Bench) से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने जिला जाती पंजीयन समिति के निर्णय पर रोक लगाते हुए जाती प्रमाणपत्र वैधता (Caste Certificate) को सही माना है। हालांकि, अदालत ने बर्वे के नामांकन पत्र के रद्द करने वाले निर्णय पर रोक लगाने से इनकार का दिया है। जिसके कारण वह आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) नहीं लड़ पाएंगी। वहीं मामले पर अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।
ज्ञात हो कि, जिला जाती पंजीयन समिति के पास शिकायत दर्ज की गई थी। जिसमें बर्वे पर जाती प्रमाणपत्र के लिए नकली दस्तावेजों को जमा करने का आरोप लगाया था। इसको लेकर समिति ने जांच की और आरोपों को सही पाते हुए जाती प्रमाणपत्र की वैधता को रद्द कर दी। वहीं इसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने रामटेक लोकसभा सीट से प्रत्याशी के तौर पर उनका नामांकन ख़ारिज कर दिया था।
अपनी जाती प्रमाणपत्र ख़ारिज करने के निर्णय के खिलाफ बर्वे ने नागपुर हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की। जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं आज गुरुवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाते ने जिला पंजीयन समिति ने के निर्णय पर रोक लगाते हुए जाती प्रमाणपत्र की वैधता को सही माना।
नामांकन ख़ारिज पर रोक से इनकार
कांग्रेस ने रश्मि बर्वे को आरक्षित रामटेक लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया था। जहां शक्ति प्रदर्शन करते हुए बर्वे ने अपना नामांकन भी दाखिल किया। हालांकि, नामांकन के बाद जिला पंजीयन समिति ने बर्वे के जाती प्रमाणपत्र की वैधता को रद्द कर दिया। जिसके कारण जिला निर्वाचन अधिकारी ने उनका नामांकन भी खारिज कर दिया। हाईकोर्ट में दायर याचिका पर बर्वे ने नामांकन रद्द करने पर भी रोक लगाने की मांग की थी। लेकिन अदालत ने उससे इनकार कर दिया। जिसके बाद अब बर्वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। वहीं इस मामले पर अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।

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