चंद्रपूर जिल्हा मध्यवर्ती बँक मे बिना लड़े 12 संचालक फाइनल अब संघर्ष होगा अध्यक्ष पद के लिए

चंद्रपुर: चंद्रपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संचालक पदों के लिए हो रहे चुनाव को लेकर अब तस्वीर धीरे-धीरे साफ होती जा रही है। इस चुनाव पर शुरू से ही राजनीतिक हलकों की खास नजर थी, क्योंकि इसे जिले की राजनीति के लिए बेहद अहम माना जा रहा था।
राजनीतिक दिग्गजों ने भी इस बार मैदान में उतरकर नामांकन दाखिल किए, जिससे यह चुनाव शुरू से ही अत्यंत रोचक और टक्कर वाला माना जा रहा था। हालांकि, नामांकन प्रक्रिया के बाद स्थिति में बड़ा बदलाव आया है, क्योंकि 21 में से 12 संचालक पदों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं।
इससे यह स्पष्ट होता है कि चुनावी मुकाबला अब सीमित भूतो पर ही आधारित है और बैंक की संचालक मंडल की रचना का एक बड़ा हिस्सा पहलेतय हो चुका है।
निर्विरोध विजयी हुए 12 उम्मीदवारों में शामिल हैं संजय डोंगरे, गणेश तरवेकर, पठाण संदीप गड्डमवार, शेखर धोटे, विलास मोगरकर, दामोदर मिसार, नागेश ठेंगणे, प्रतिभा धानोरकर, नंदा व रवींद्र शिंदे इन सभी ने बिना किसी विरोध के संचालक पद हासिल किया है विशेष बात यह है कि सांसद प्रतिभा धानोरकर, जो पहली बार सहकार क्षेत्र में सक्रिय रूप से उतरी हैं, उन्होंने भी महिला गट से निर्विरोध जीत हासिल कर एक मजबूत राजनीतिक संदेश दिया है इस बीच, यह भी सामने आया है कि
गोंडपिपरी और सिंदेवाही तहसीलों की सहकारी संस्थाएं 'क' गट में आती हैं, इसलिए इन दोनों तालुकों में अब चुनाव नहीं होगा। वहाँ नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों को अब चुनावी प्रक्रिया से बाहर रहना होगा
अब सबकी निगाहें वरोरा, चंद्रपुर, ओबीसी गट, एनटी गट, एसटी गट और B2 गट की बची हुई सीटों पर होने वाले चुनाव पर टिकी हैं, जहाँ चुनावी भिडंत होने की पूरी संभावना है कुल मिलाकर, चंद्रपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक का यह चुनाव अब निर्णायक मोड़ पर है – जहाँ एक आंतरिक स्थिति उजागर हो रही है, वहीं दूसरी ओर, सहकार क्षेत्र में नए समीकरण बनते दिख रहे हैं।

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