Chandrapur: फडणवीस के मंत्रिमंडल में चंद्रपुर खाली हाथ, वरिष्ठ नेता मुनगंटीवार को नजरअंदाज किए जाने से समर्थकों में नाराज़गी

- पवन झबाडे
चंद्रपुर: महाराष्ट्र में महायुति सरकार सत्ता में आई। मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों ने शपथ ली। लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार की तिथि तय नहीं हो पा रही थी। कई बार दिल्ली दौरे के बाद आखिरकार रविवार (15 तारीख) को नागपुर स्थित राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ। इस मंत्रिमंडल में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार को स्थान नहीं दिया गया, जिससे जिले के भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में गहरी नाराजगी देखी जा रही है।
विशेष बात यह है कि इस बार विधानसभा चुनाव में चंद्रपुर जिले से भाजपा के पांच विधायक चुने गए हैं। 1990 में शोभाताई फडणवीस के रूप में जिले को भाजपा का पहला विधायक मिला। इसके बाद सुधीर मुनगंटीवार 1995 में भाजपा के टिकट पर चंद्रपुर से विधायक बने और राज्य सरकार में मंत्री पद संभाला। मुनगंटीवार ने अपने पूरे राजनीतिक करियर में जिले के विकास के लिए कई योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया।
हालांकि, चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो जाने के कारण मुनगंटीवार ने 2009 का चुनाव बल्लारपुर सीट से लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद वह लगातार सात बार विधायक चुने गए। 2014 में फडणवीस सरकार में उन्हें वित्त, योजना और वन मंत्री का जिम्मा सौंपा गया। इसके बाद शिंदे सरकार में भी वह वन, मत्स्य पालन और सांस्कृतिक कार्य मंत्री रहे।
जिले भाजपा का ऐतिहासिक प्रदर्शन, लेकिन कोई मंत्री नहीं
2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य में ऐतिहासिक जीत हासिल की और 132 विधायक चुने गए। चंद्रपुर जिले के छह में से पांच विधायक भाजपा से जीते, जो जिले का अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक प्रदर्शन है। ऐसे में यह उम्मीद थी कि फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिले को मंत्रिमंडल में बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। लेकिन फडणवीस ने अपने गृह जिले चंद्रपुर को नज़रअंदाज कर दिया। सात बार के विधायक मुनगंटीवार को भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। जिले के चिमूर से विधायक बंटी भांगड़िया तीन बार चुने गए हैं, जबकि चंद्रपुर के विधायक किशोर जोरगेवार पहली बार भाजपा के टिकट पर जीतकर आए हैं। वरोरा के करण देवतले और राजुरा के देवराव भोंगले भी पहली बार विधायक बने हैं।
चंद्रपूर जिले को मिलेगा पार्सल पालकमंत्री
2014 से 2019 तक मुनगंटीवार जिले के पालकमंत्री थे। 2019 में महाविकास अघाड़ी सरकार आने के बाद विजय वडेट्टीवार को यह जिम्मेदारी दी गई। 2022 में शिंदे सरकार बनने के बाद मुनगंटीवार फिर से पालकमंत्री बने। लेकिन अब 2024 की सरकार में चंद्रपुर के किसी विधायक को मंत्रीपद नहीं मिला, जिससे यह संभावना है कि जिले को केवल "पार्सल पालकमंत्री" से ही संतोष करना पड़ेगा।

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