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Nagpur

किसानों को लेकर मुख्यमंत्री फडणवीस की बढ़ी घोषणा, कहा- 'नमो किसान सम्मान निधि' में 3,000 रुपये की होगी बढ़ोतरी


नागपुर: राज्य में 10 मार्च को बजट पेश होने वाला है। जिसको लेकर राज्य सरकार लगातार तैयारी में लगी हुई है। नई सरकार के गठन के बाद यह पहला बजट होगा, जिसको लेकर आम जनता से लेकर जनप्रतिनिधि तक आशा लगाए बैठें हैं। बजट के पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ी घोषणा की है। सीएम ने राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली 'नमो किसान सम्मान निधि' में तीन हजार करोड़ रूपये की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, "केंद्र की तरह राज्य सरकार भी 'नमो किसान सम्मान निधि योजना' के तहत राज्य के किसानों को 6,000 रुपये प्रदान कर रही है जिसे अब बढाकर नौ हजार रूपये दी जाएगी।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के भागलपुर में 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' की 19वीं किस्त वितरित की। इस वितरण के लिए राज्य स्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने स्वर्गीय डॉ. वह वसंतराव नाइक मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

मुख्यमंत्री फडणीस ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से देश के किसानों को कठिन समय में आर्थिक सहायता मिल रही है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार हर साल किसानों के बैंक खातों में सीधे 6,000 रुपये जमा कराती है। राज्य सरकार 'नमो किसान सम्मान निधि योजना' के माध्यम से किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। अब राज्य सरकार इस निधि में 3,000 रुपये की वृद्धि करेगी और किसानों को अब प्रति वर्ष 15,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी, जिसमें से 9,000 रुपये राज्य द्वारा और 6,000 रुपये केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "राज्य सरकार ने किसानों के लाभ के लिए 'जलयुक्त शिवार योजना' शुरू की, जिससे बड़े पैमाने पर जल संरक्षण कार्य हुआ। केंद्र सरकार द्वारा 'बलिराजा जल संजीवनी योजना' को मंजूरी दी गई। इस योजना के अंतर्गत विदर्भ में 89 सिंचाई परियोजनाएं पूरी की गईं। नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी योजना का पहला चरण लागू हो चुका है और दूसरे चरण में यह योजना मराठवाड़ा और विदर्भ के शेष हिस्सों में लागू की जाएगी। इस योजना के तहत गांव के सभी किसानों को, चाहे उनका लक्ष्य समूह कुछ भी हो, कृषि उपकरणों, खेत तालाबों आदि पर सब्सिडी के माध्यम से सभी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि, "इस योजना के तहत अब तक 6,000 करोड़ रुपये की लागत से काम किया जा चुका है और आने वाले दिनों में इस योजना को और अधिक प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाएगा।"

सीएम ने कहा, "कृषक उत्पादक समूहों को रोजगार सृजन करने वाले कृषि प्रसंस्करण उद्योग, ग्रेडिंग प्रणाली आदि जैसी व्यापक सुविधाएं प्रदान करने के लिए 'स्मार्ट योजना' शुरू की गई है और अधिकांश किसान इसका लाभ उठाकर विकास कर रहे हैं। एक महत्वपूर्ण योजना, एग्रीस्टैक, शुरू की गई है। इसके माध्यम से सम्पूर्ण कृषि का डिजिटलीकरण किया जाएगा तथा प्रत्येक किसान को आवश्यक लाभ प्रदान किया जाएगा। बिचौलियों के बिना सीधे किसानों से बातचीत करने से उन्हें लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में 54 प्रतिशत किसानों का एग्रीस्टैक के तहत पंजीकरण हो चुका है तथा शत-प्रतिशत का लक्ष्य शीघ्र ही प्राप्त कर लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने आगे कहा, "राज्य सरकार ने अगले पांच साल तक किसानों से बिजली बिल नहीं वसूलने का निर्णय लिया है। सौर पंप योजना को मांग के आधार पर क्रियान्वित किया जा रहा है और पिछले 1 वर्ष में इस योजना के तहत 1 लाख किसानों को सौर पंप उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि सौर पंप खरीदने वाले किसानों को अगले 25 वर्षों तक बिजली बिल की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल में 150 से अधिक सिंचाई योजनाओं को पुनः प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।"

550 किलोमीटर तक पानी होगा पंप

वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ो परियोजना शुरू की गई है, जो विदर्भ में कृषि परिदृश्य को बदल देगी। इसके माध्यम से गोसेखुर्द बांध से बर्बाद होने वाले पानी का उपयोग करके वैनगंगा नदी के माध्यम से 550 किलोमीटर तक पानी पंप किया जाएगा। पानी को बुलढाणा जिले में नलगंगा नदी तक पहुँचाया जाएगा। इससे नागपुर, अमरावती, वर्धा, अकोला और बुलढाणा सहित कुल 7 जिलों के सूखा प्रभावित क्षेत्रों को लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना से 10 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचाई के अंतर्गत आएगी और इससे बड़ा परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा कि ड्रोन दीदी योजना के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षित करके ड्रोन का उपयोग करके कृषि में छिड़काव की एक अभिनव परियोजना भी शुरू की गई है।