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"ओएसडी की नियुक्त करने का अधिकार मुख्यमंत्री का", कृषि मंत्री कोकाटे के बयान पर सीएम फडणवीस का बड़ा पलटवार


नागपुर: राज्य की महायुति सरकार में पालकमंत्री के बाद पीएस और ओएसडी की नियुक्ति को लेकर विवाद सामने आया है। राज्य के कृषि मंत्री और एनसीपी नेता माणिकराव कोकाटे ने इसको लेकर बयान दिया। कोकाटे ने कहा कि, "चूंकि हमारे निजी सचिव और ओएसडी का फैसला भी मुख्यमंत्री द्वारा किया जा रहा है, इसलिए हमारे हाथ में कुछ नहीं बचा है।" उनके बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। वहीं अब इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तीखा जवाब दिया है। सीएम ने कहा, "सभी को पता है मंत्रियों के निजी सचिव और ओएसडी की नियुक्ति का अधिकार मुख्यमंत्री के पास है।"

सोमवार को नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा, "माणिकराव कोकाटे को शायद यह पता नहीं है कि मंत्रियों के निजी सचिव और विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) की नियुक्ति का अधिकार मुख्यमंत्री के पास है।" मंत्री इस संबंध में प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजते हैं। इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री लेते हैं। यह कोई नई बात नहीं है। मैंने कैबिनेट की बैठक में साफ तौर पर कहा था कि आप जो नाम चाहें भेज सकते हैं। लेकिन मैं उन लोगों को मंजूरी नहीं दूंगा जिनके नाम का इस्तेमाल फिक्सर के रूप में या गलत कामों में किया गया है।”

नाराजगी मंजूर, नहीं दूंगा सहमति

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘‘इसके अलावा, मुझे अब तक लगभग 125 नाम प्राप्त हुए हैं। मैंने उनमें से 109 नामों को मंजूरी दे दी है। मैंने बाकी नामों को मंजूरी नहीं दी है। क्योंकि उन पर किसी न किसी प्रकार का आरोप है। इसके अलावा, उनके खिलाफ किसी तरह की जांच भी चल रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी स्पष्ट किया, "भले ही कोई नाराज हो जाए, मैं ऐसे नामों को मंजूरी नहीं दूंगा।"

क्या कहा था माणिकराव कोकाटे ने?

माणिकराव कोकाटे ने कहा, "मुख्यमंत्री ने हमें पहले ही दिन प्रोत्साहित किया।" अब आपमें से किसी के भी जाने से, यहां तक ​​कि मेरे जाने से भी, सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसलिए यदि तुम्हें बहुत मजा आ गया हो तो घर चले जाओ। विभाग का काम अनुशासित तरीके से किया जाना चाहिए। हमें 100 दिन का कार्यक्रम भी दिया गया। मैं आपको यह भी बता दूं कि हमारे पीएस और ओएसडी भी मुख्यमंत्री द्वारा ही तय किए जाते हैं। इसलिए हमारे हाथ में कुछ भी नहीं बचा है। "इसलिए हमें अच्छे से काम करना होगा और आपको भी अच्छे से काम करना होगा, अर्थात हमें सरकार और अपने बीच अच्छे संबंध बनाने होंगे, तभी समाज में एक प्रकार की स्थिरता पैदा होगी।"