जिला नियोजन समिति बैठक में विवाद, विधायक रणधीर सावरकर और नितिन देशमुख आये सामने-सामने; कार्यकर्ताओं में भी धक्का-मुक्की
अकोला: जिला नियोजन समिति की बैठक के दौरान बड़ा विवाद देखने को मिला। इस दौरान भाजपा विधायक रणधीर सावरकर और शिवसेना ठाकरे गुट के विधायक नितिन देशमुख के बीच कहासुनी हो गई। इस विवाद के बाद बैठक में तनावपूर्ण माहौल बन गया। बैठक के बाद दोनों जनप्रतिनिधियों के कार्यकर्ता आमने-सामने होते नजर आए। जिला डीपीडीसी की बैठक में ही विवाद होने से इस घटना की चर्चा जोरों पर है।
अकोला जिला नियोजन समिति की बैठक जिला कलेक्टर कार्यालय में हो रही थी। बैठक की अध्यक्षता पालकमंत्री आकाश फुंडकर कर रहे थे। इस दौरान ठाकरे गुट के विधायक नितिन देशमुख दलित बस्ती सुधार योजना के क्रियान्वयन को लेकर सवाल उठाते हुए बोल रहे थे। इसी दौरान भाजपा विधायक रणधीर सावरकर बीच में बोल पड़े। इससे दोनों विधायकों के बीच बहस हो गई और दोनों के बीच कहासुनी हो गई। इस घटना के कारण बैठक कुछ देर के लिए बाधित रही।
कलेक्टर कार्यालय के बाहर कार्यकर्ता आमने-सामने
विधायक रणधीर सावरकर और विधायक नितिन देशमुख के बीच हुई बहस के बाद कलेक्टर कार्यालय के बाहर दोनों नेताओं के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। इस दौरान दोनों नेताओं के कार्यकर्ता एक-दूसरे की ओर दौड़े और गले मिले। दोनों गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ जोरदार नारे लगाए।
बैठक में कोई गाली-गलौज नहीं हुई- रणधीर सावरकर
भाजपा विधायक रणधीर सावरकर ने कहा कि बैठक में मौखिक बहस हुई, लेकिन गाली-गलौज नहीं हुई। हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं। किसी मुद्दे पर मतभेद हो सकते हैं। वे होते रहेंगे। हमने अपना पक्ष रखने की कोशिश की। वहां कुछ लोग गोली चला रहे थे। पालकमंत्री ने इस पर आपत्ति जताई थी। इस पर नितिन देशमुख ने कहा कि वे वहां गोली चलाने के लिए बैठेंगे। इस पर मैंने कहा कि यह ठीक नहीं है। बात-बात पर बात बढ़ती गई। लेकिन गाली-गलौज बिल्कुल नहीं हुई। रणधीर सावरकर ने सफाई दी।
बैठक में धन के बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ। नितिन देशमुख के दो-तीन समर्थक वहां गोली चला रहे थे। पालकमंत्री ने गोली न चलाने का निर्देश दिया। बस यही मुद्दा था, ऐसा रणधीर सावरकर ने स्पष्ट किया।
विधायक नितिन देशमुख ने क्या कहा?
मुझे सवाल उठाने का अधिकार है। इसी के अनुसार जब मैंने सदन में सवाल उठाया तो कोई जवाब देने को तैयार नहीं था। सत्ताधारी दल नगर निगम को बरगला रहा है। उनकी मनमानी चल रही है। उन्होंने दलित बस्ती को पूरी तरह से बरगला दिया। ठाकरे गुट के विधायक नितिन देशमुख ने आरोप लगाया है कि जिला परिषद का 26 करोड़ का फंड उनसे नहीं मिलने के कारण वापस भेज दिया गया। सरकार का 29 करोड़ वापस क्यों भेजा गया? उन्होंने यह सवाल भी उठाया। महाराष्ट्र में अकोला एकमात्र जिला है जहां सरकार का 29 करोड़ वापस किया गया। ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ।
जिला परिषद का दलित बस्ती का फंड इतिहास में कभी नगर निगम को हस्तांतरित नहीं किया गया। उन्होंने दलित बस्ती को बरगला दिया। क्या आप किसी ठेकेदार को ठेका देने की योजना बना रहे हैं? नितिन देशमुख ने यह भी पूछा। जिले में सफेद कपड़ों की आड़ में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार चल रहा है। नितिन देशमुख ने यह भी आरोप लगाया कि इसके लिए स्थानीय नेता जिम्मेदार हैं।
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