एक्शन मोड़ पर एकनाथ शिंदे, 11 मंत्रियों को दी अहम् जिम्मेदारी; नागपुर संजय राठोड के जिम्मे

नागपुर: सरकार गठन से लेकर महायुति में सब सही नहीं चलने की बात की जा रही है। किसी न किसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच कोल्डवार चलने की बात कही जा रही है। हालांकि, दोनों नेताओं ने इसे मीडिया का सिफुगा बताया है। इसी बीच एकनाथ शिंदे ने बड़ा निर्णय लेते हुए अपने मंत्रियों को बड़ी जिम्मेदारी दी है। जिसमें तहत शिंदे ने 11 मंत्रियों को 23 जिलों का संपर्क मंत्री बनाया है। सबसे महत्वपूर्ण की शिंदे ने उन्ही जिले में समपरक मंत्री घोषित किया है, जहॉँ भाजपा और एनसीपी के पालकमंत्री हैं।
विधानसभा चुनाव के बाद से एकनाथ शिंदे पार्टी को मजबूत करने में लगे हुए हैं। चुनाव पश्च्यात आभार सभा के मध्यम से वह लगातार राज्य के विभिन्न जिलों का दौर कर रहे हैं और सभा कर रहे हैं। इसी के साथ वह लगातार अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे है। इसी क्रम में मंगलवार को शिंदे ने 23 जिलों में अपने संपर्क मंत्रियों के नाम का ऐलान किया।
शिवसेना के एक्स हैंडल पर एक सूची पोस्ट की गई है जिसमें कहा गया है कि शिवसेना के 11 मंत्रियों को कुल 23 जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। इन जिलों में भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के संरक्षक मंत्री हैं। मंत्री उदय सामंत और संजय राठौड़ को तीन-तीन जिले दिए गए हैं, जबकि आठ मंत्रियों को दो-दो जिले दिए गए हैं। राज्य मंत्री योगेश कदम को केवल एक जिला दिया गया है।
नागपुर जिले का जिम्मा संजय राठोड को
शिंदे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के जिले नागपुर के लिए भी संपर्क मंत्री के नाम का ऐलान किया है। शिंदे ने संजय राठोड को नागपुर जिले की जिम्मेदारी दी है। इसी के साथ चंद्रपुर और अमरावती का प्रभार भी राठोड के जिम्मे रहेगा। गुलाबराव पाटिल को परभणी और बुलढाणा, उदय सामंत को मुंबई उपनगर, पुणे और सिंदुदुर्ग, संभुराज देसाई सांगली और अहिल्याबाई नगर, दादाजी भूसे धुले नंदुरबार, प्रताप सरनाईक पालघर और सोलापुर के सम्पर्क बनाए गए हैं। इसी के साथ योगेश कदम जालना, आशीष जैस्वाल भंडारा-गोंदिया, प्रकाश अबिटकार अकोला, लातूर, भरत गोगावले हिंगोली वाशिम के शिवसेना संपर्क मंत्री होंगे।
भाजपा-एनसीपी जिलों में शिवसेना आक्रामक
महागठबंधन या गठबंधन सरकार में जिस जिले में पालकमंत्री नहीं होता, वहां संपर्क मंत्री नियुक्त करने की प्रथा पुरानी है, लेकिन एकनाथ शिंदे ने उन जिलों में अपने संपर्क मंत्रियों के नाम का ऐलान किया है, जिसके पालकमंत्री या तो भाजपा के हैं या एनसीपी अजित पवार के। शिंदे द्वारा यह निर्णय लेने के बाद एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है कि, महायुति में सब ठीक नहीं चल रहा है।

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