Akola में बनाये गए 15,000 बांग्लादेशी मुसलमानों के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र, भाजपा नेता किरीट सोमैया ने किया दावा
अकोला: भाजपा नेता किरीट सोमैया ने गंभीर आरोप लगाया कि अकोला जिले में 15,845 बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों को जन्म प्रमाण पत्र जारी करने में घोटाला किया गया। इसके लिए उन्होंने एक सरकारी पत्र का सहारा लिया। उन्होंने इस संबंध में अपने 'एक्स' अकाउंट पर पोस्ट किया है। प्रशासन ने बताया कि इस मामले की एसआईटी द्वारा जांच कराई जाएगी।
भाजपा नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया। उन्होंने आरोप लगाया था कि अमरावती जिले के अंजनगोसुर्जी में एक हजार फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए गए। इसके बाद किरीट सोमैया ने अब अपना ध्यान अकोला जिले की ओर लगाया।
किरीट सोमैया ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया है कि अकोला जिले में भी फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए। सोमैया ने कहा है कि 15,845 बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र दिए गए। उन्होंने अकोला जिला मजिस्ट्रेट द्वारा मंत्रालय को भेजे गए पत्र पर भरोसा किया। किरीट सोमैया ने सवाल उठाया है कि बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमान अकोला और अमरावती जिलों में कैसे पहुंचे।
राजस्व एवं वन विभाग ने जिले से जन्म प्रमाण पत्रों का विवरण मांगा था। जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन करके जिला कलेक्टर एवं उप-मंडल अधिकारियों को विलम्ब से जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण के संबंध में शक्तियां प्रदान की गई हैं। 10 सितंबर 2023 के गृह विभाग की अधिसूचना के अनुसार, अकोला जिले में देर से जन्म और मृत्यु पंजीकरण की शक्ति तहसीलदार और कार्यकारी मजिस्ट्रेट को प्रदान की गई थी। जिले में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण में विलम्ब हेतु 15,845 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 10,273 प्रमाण पत्र जारी किये जा चुके हैं, 107 अस्वीकृत किये जा चुके हैं तथा 4,844 लंबित हैं।
कानून में संशोधन के बाद की गई कार्रवाई के संबंध में सरकार को बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त हुईं। इन शिकायतों की जांच गृह विभाग के माध्यम से एक विशेष जांच दल द्वारा की जाएगी। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सरकार की ओर से उनका पत्र सभी जिलों को प्राप्त हो गया है। भाजपा नेता किरीट सोमैया के आरोपों से हलचल मच गई है और सबकी नजर एसआईटी की जांच रिपोर्ट पर होगी।
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