logo_banner
Breaking
  • ⁕ कब मिलेगी ‘मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहिण’ योजना की अगली किस्त? मंत्री अदिति तटकरे ने दी जानकारी ⁕
  • ⁕ Yavatmal: असोला गांव में बाघ ने गाय का किया शिकार, किसानों और खेत मजदूरों में भय का माहौल ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती - नागपुर महामार्ग पर अज्ञात वाहन की टक्कर से तेंदुआ की मौत, पिछले एक महीने में सड़क दुर्घटना में दो तेंदुओं की मृत्यु ⁕
  • ⁕ Bhandara: समृद्धि हाईवे को लेकर किसानों का विरोध, सैकड़ों किसानों ने लाखांदूर तहसील कार्यालय पर बोला धावा ⁕
  • ⁕ Yavatmal: वणी में बजरंग दल और हिंदू कार्यकर्ताओं ने दो बिरयानी सेंटरों पर किया हल्लाबोल, पुलिस ने 35 किलो गोमांस किया जब्त ⁕
  • ⁕ Buldhana: मलकापुर में ‘ऑनर किलिंग’! बहन को बदनाम करने पर युवक की हत्या ⁕
  • ⁕ समृद्धि हाईवे पर भीषण हादसा, लग्जरी बस की ट्रक से हुई टक्कर, चालक की मौत, 15 लोग जख्मी ⁕
  • ⁕ Amravati: कटाई के बाद खेत में रखी गई तुअर में लगी आग, करीब पांच लाख रुपये का नुकसान ⁕
  • ⁕ अकोला के किसानों के लिए अच्छी खबर; एक हफ्ते से बंद कृषि उपज बाजार समिति आज से शुरू ⁕
  • ⁕ देश में हल्दी उत्पादकों की समस्याओं को हल करने 'हल्दी बोर्ड' की स्थापना ⁕
Chandrapur

Chandrapur: पूर्व पार्षदों को 'अग्निवीर' बनने का डर, भाजपा नेताओं के आपसी संघर्ष से कार्यकर्ताओं में चिंता


- पवन झबाडे

चंद्रपुर: आगामी महानगर पालिका चुनावों की तैयारी के तहत भाजपा विधायक किशोर जोरगेवार सक्रिय हो गए हैं। शहर की समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने नगर निगम आयुक्त विपिन पालीवाल की उपस्थिति में भाजपा के पूर्व पार्षदों की बैठक बुलाई। लेकिन इस बैठक में कुछ पूर्व पार्षदों ने दूरी बनाए रखी। दूसरी ओर, पार्षद बनने की इच्छा रखने  वाले यंग चांदा ब्रिगेड के कार्यकर्ता  उत्साह के साथ बैठक में शामिल हुए। नगर निगम चुनावों के टिकट वितरण को लेकर भाजपा में विवाद बढ़ने की संभावना है, जो कुछ पूर्व पार्षदों ने दबती आवाज में बताया है।

जोरगेवार का राजनीतिक सफर और विवादों की शुरुआत

विधायक किशोर जोरगेवार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भारी बहुमत से जीते थे। फिर भी भाजपा ने उन्हें अंत तक उम्मीदवारी के लिए इंतजार कराया। अंततः भाजपा में उनकी "घर वापसी" हुई। चुनाव में भाजपा के बागी बिरजू पाजारे की बगावत के कारण कुछ पदाधिकारी व पूर्व पार्षदों ने जोरगेवार के प्रचार में भाग नहीं लिया। इसके बावजूद जोरगेवार ने जीत हासिल की। अब भाजपा के कुछ पूर्व पार्षद जोरगेवार के आगे पीछे घूम कर करीब आने की कोशिश कर रहे हैं।

टिकट वितरण पर संघर्ष

पूर्व मंत्री और विधायक सुधीर मुनगंटीवार के निर्वाचन क्षेत्र के पुनर्गठन के बाद वह बल्लारपुर क्षेत्र में चले गए हैं। हालांकि, पिछले 15 वर्षों में नगर निगम चुनावों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है। मुनगंटीवार के समर्थकों को टिकट वितरण में हमेशा प्राथमिकता मिली है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि अब स्थानीय विधायक के रूप में जोरगेवार के पास नगर निगम चुनाव की जिम्मेदारी होगी। इस वजह से कुछ पूर्व पार्षद जोरगेवार के करीब हैं, जबकि मुनगंटीवार समर्थक जोरगेवार से दूरी बनाए हुए हैं।

यंग चांदा ब्रिगेड की चुनौती

यंग चांदा ब्रिगेड संघटना अभी तक आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल नहीं हुई है। यंग चांदा ब्रिगेड के सैकड़ों कार्यकर्ता पार्षद बनने के सपने देख रहे हैं। इन कार्यकर्ताओं को संतुलित रखना जोरगेवार के लिए एक बड़ी चुनौती है।

पूर्व पार्षदों को 'अग्निवीर' बनने की चिंता

सुधीर मुनगंटीवार, हंसराज अहीर, और किशोर जोरगेवार के बीच संघर्ष के कारण भाजपा के पूर्व पार्षद असमंजस में हैं। उनके लिए यह तय करना मुश्किल हो रहा है कि वे किस नेता के गुट में शामिल हों। उन्हें इस बात का डर है कि इन नेताओं के आपसी झगड़े में वे कही "अग्निवीर" यानी बलि का बकरा बन ना जाएं। इसलिए वे सावधानीपूर्वक कदम उठा रहे हैं। आगामी चुनावों में टिकट वितरण को लेकर भाजपा में संघर्ष और घमासान होना तय है।