गोवारी समाज के लिए ऐतिहासिक निर्णय, विशेष पिछड़ा वर्ग में विकास योजना को मिली मंजूरी

मुंबई: राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में गोवारी समाज के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। सरकार ने गोवारी समाज को विशेष पिछड़ा वर्ग में शामिल करते हुए उनके लिए स्वतंत्र विकास योजना लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय से समाज के हजारों छात्र, महिलाएं, बेरोजगार युवा और नागरिक सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।
सरकार की ओर से यह निर्णय सामाजिक समरसता और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब गोवारी समाज के लिए शिक्षा, रोजगार और सामाजिक उन्नयन के क्षेत्रों में विशेष योजनाएं शुरू की जाएंगी। यह योजना उसी तर्ज पर लागू की जाएगी, जिस तरह आदिवासी विद्यार्थियों के लिए वसतिगृह (आवासीय छात्रावास) योजना चलाई जा रही है। राज्य के आदिवासी विकास विभाग द्वारा वर्षों से अनुसूचित जनजातियों के लिए शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर वसतिगृहों का संचालन किया जा रहा है। इन वसतिगृहों की मदद से आदिवासी विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुविधा मिली है। अब गोवारी समाज को भी इसी प्रकार की सुविधा और सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
इस फैसले के पीछे विधायक डॉ. परिणय फुके की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। डॉ. फुके ने लगातार कई वर्षों तक गोवारी समाज की समस्याओं को शासन स्तर पर उठाया और उनके प्रयासों को आखिरकार सफलता मिली है। उन्होंने समाज की पीड़ा और आवश्यकताओं को शासन के समक्ष प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया, जिसके फलस्वरूप यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। राज्य सरकार के इस फैसले से गोवारी समाज के युवाओं को शिक्षा, रोजगार और सामाजिक विकास के नए अवसर मिलेंगे, जो उनके समग्र विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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