जीता युद्ध हारने वाला कैसे बन? ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रकाश आंबेडकर ने संघ और भाजपा पर हमला

नागपुर: वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता प्रकाश अंबेडकर ने मांग की कि, "भाजपा और आरएसएस को यह बताना चाहिए कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष में जो युद्ध जीता जा सकता था, वह अचानक हारने वाला युद्ध कैसे बन गया।" नागपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी की कड़ी आलोचना की।
प्रकाश अंबेडकर ने कहा, "बीस-पच्चीस सालों से चल रहे आतंकवादी हमलों को रोकने का यह एक बड़ा अवसर था। लेकिन, वह अवसर खो दिया गया है। आज देश को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो ठोस निर्णय ले सके। लेकिन भाजपा ने युद्ध की दिशा खो दी है और लोगों के सामने केवल भावनात्मक मुद्दे फेंके हैं।"
अपनी बेबाक शैली में बोलते हुए अंबेडकर ने कहा, "हम लोगों को चुनौती देते हैं - लड़ाई छोड़ देना या पीछे हट जाना एक तरह की कायरता है। आने वाले चुनावों में सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि मतदाता कायरों को वोट देंगे या साहसी निर्णय लेने वालों का साथ देंगे।"
उन्होंने मतदाताओं को सीधे चुनौती भी दी। उन्होंने कहा, ''मतदाता दो तरह के होते हैं-लड़ने वाले और न लड़ने वाले। न लड़ने वाला मतदाता भाजपा की गुंडागर्दी की राजनीति को वोट देगा। लेकिन लड़ने वाला मतदाता उन्हें वोट नहीं देगा। भाजपा ने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है। इसका जवाब जनता देगी।''
प्रकाश अंबेडकर के बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और संकेत मिल रहे हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान भाषण और भी आक्रामक और तीखे होंगे। उन्होंने भाजपा की राष्ट्रवादी राजनीति को चुनौती दी है, जबकि पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव की पृष्ठभूमि में सरकार से सीधे सवाल किए हैं। वंचित बहुजन आघाड़ी ने शुरू से ही भाजपा विरोधी रुख अपनाया है।
अंबेडकर ने एक बार फिर साफ कर दिया कि ''चुनावी जीत को देश के हितों से ज्यादा महत्वपूर्ण मानने वाली पार्टी को जनता इस साल सबक सिखाएगी।'' उनके आक्रामक अंदाज ने आगामी चुनावों में रंगारंग मुकाबले की हवा तैयार कर दी है।

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