देश-दुनिया के लिए हिंदी और अंग्रेजी बोलना आना ही चाहिए, विपक्ष के विरोध के बीच उपमुख्यमंत्री पवार ने निर्णय का किया समर्थन

पुणे: राज्य में हिंदी को लेकर राजनीति शुरू है। स्कूलों में तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी अनिवार्य करने को लेकर राज ठाकरे और कांग्रेस महायुति सरकार पर हमलावर है। दोनों सरकार के निर्णय को मराठी अस्मिता पर हमला बता रहे हैं। इसी बीच उपमुख्यमंती अजित पवार ने सरकार के निर्णय का समर्थन किया है। पवार ने कहा कि, "महाराष्ट्र में रहने वालों को मराठी बोलना आना ही चाहिए, लेकिन देश और दुनिया के लिए हिंदी और इंग्लिश बेहद जरुरी है।" यही नहीं उपमुख्यमंत्री ने हिंदी विरोध को लेकर राज ठाकरे पर कटाक्ष भी किया।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बिना नाम लिए राज ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि देश के कई राज्यों में हिंदी भी बोली जाती है। कुछ लोग कहते हैं कि यह राष्ट्रीय भाषा है, लेकिन इस पर विवाद है। मैं उस विवाद में नहीं पड़ना चाहता। जिन लोगों के पास कोई काम नहीं है, वे ही इस तरह की बहस करते हैं।
अजित पवार ने आगे कहा कि दुनिया के अधिकांश देशों में अंग्रेजी बोली जाती है। इसलिए यह भाषा भी आनी चाहिए। लेकिन हमारी मातृभाषा मराठी प्रथम स्थान रखती है। आज विरोधी राजनीतिक दलों के पास कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बचा है। सूर्य की तीव्रता और हीट स्ट्रोक जैसे कई मुद्दे हैं। वैश्विक स्तर पर वर्षा की संभावना 103 प्रतिशत बताई गई है। पांडुरंग के चरणों में यही प्रार्थना है कि यह वर्षा अब हो।
किसी भी पक्ष पर कोई आरोप नहीं लगाया
अजित पवार ने कहा कि नासिक पथराव मामले में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। हमने एक पक्ष के रूप में उनके खिलाफ कोई आरोप दायर नहीं किया है। पुलिस यह नहीं देखेगी कि अपराधी किस पार्टी से है, बल्कि उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई कानून-व्यवस्था को लेकर मुद्दा उठा रहा है तो इसमें कुछ भी अच्छा नहीं है।

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