हाथ मिले लेकिन दिल नहीं, कांग्रेस नेताओं में गुटबाजी जारी! नितिन राउत ने जनसंवाद यात्रा की जगह निकाली लोकसंवाद यात्रा
नागपुर: लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा को पटखनी देने के लिए शहर कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने अपनी नाराजगी को हटाते हुए एक साथ आकर काम करने की बात कही थी। हालांकि, कांग्रेस नेताओं के यह दावे कुछ दिन के ही रहे। आज रविवार को कांग्रेस ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जनसंवाद यात्रा निकाली। इस यात्रा में पार्टी के कई बड़े नेता शामिल हुए, लेकिन पूर्व मंत्री नितिन राउत ने इस यात्रा से खुद को दूर रखा। और अपने निर्वाचनक्षेत्र उत्तर नागपुर में लोकसंवाद यात्रा निकाली। जिसके बाद यह चर्चाओं शुरू हो गई है कि, कांग्रेस नेताओं में अभी भी गुटबाजी समाप्त नहीं हुई है।
महाराष्ट्र कांग्रेस ने केंद्र और राज्य सरकार के विरोध में राज्यभर में जन संवाद यात्रा निकालने का ऐलान किया हुआ है। इसी के मद्देनजर आज रविवार को नागपुर में यह यात्रा निकाली गई। शहर में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार के नेतृत्व में यह यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में शहर कांग्रेस अध्यक्ष विकास ठाकरे सहित शहर कांग्रेस के कई नेता में मौजूद रहे। लेकिन इस यात्रा से पूर्व मंत्री नितिन राउत नहीं पहुंचे। बल्कि अपने निर्वाचनक्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ लोक संवाद यात्रा निकाली।
राउत की यह यात्रा ब्लॉक नंबर 13 के वार्ड नंबर 1 के नारा वस्ती से शुरू हुई और जिंजर मॉल जरीपटका क्षेत्र में समाप्त हुई। पदयात्रा के दौरान नितिन राऊत ने उत्तर नागपुर में हुए विकास कार्यों के बारे में लोगों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याएं जानीं। पदयात्रा नारा से शुरू हुई और उत्तरी नागपुर विधानसभा क्षेत्र के कई हिस्सों में घूमी। लोकसंवाद यात्रा का समापन 12 सितंबर को होगा। इस पदयात्रा का स्वरूप जनसंवाद कार्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं सार्वजनिक सभाओं का आयोजन करना है।
वज्रमूठ बैठक से भी बनाई थी दूरी
पूर्व मंत्री सतीश चतुवेर्दी और नितिन राऊत हमेशा अलग चूल्हा पेश कर विशिष्टता बरकरार रखने की कोशिश करते हैं। यह पहली बार नहीं है जब राउत ने इस तरह का कदम उठाया है। महाविकास अघाड़ी की आखिरी वज्रमूठ बैठक अप्रैल 2023 में नागपुर में हुई थी। लेकिन उस समय भी कांग्रेस में सम्मान का नाटक चल रहा था। इस बैठक से नागपुर के पूर्व पालक मंत्री नितिन राऊत नदारद रहे। इस संबंध में उन्होंने कोई लिखा-पढ़ी नहीं की, लेकिन वे बैठक में भी नहीं आये। वह उस दिन भंडारा की पूर्व निर्धारित यात्रा पर थे। इतना ही नहीं वज्रमुठ सभा से पहले नितिन राऊत ने कमल चौक पर अपनी अलग सभा की।
लगातार पार्टी बैठकों से बनाई दुरी
वह विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक के पहले दिन भी अनुपस्थित रहे। वे अगले दिन फोटो सेशन के लिए आये। नितिन राऊत लगातर कांग्रेस सगठन की बैठकों से खुद को दूर रख रहे हैं। यही नहीं पिछले कुछ दिनों में उन्होंने कई ऐसे कदम भी उठाये जिसके बाद उनके नाराज होने की चर्चा शुरू हुई। बीते दिनों पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित कि, जिसमें से राउत को बाहर कर दिया था। जिसपर उन्होंने निराशा जताई थी।
जिले में नेताओं के सब ठीक नहीं
नेताओं की नाराजगी की जड़ पार्टी के भीतर गुटबाजी है। प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने महाविकास अघाड़ी के शासन काल में कोयला वाशरी के संबंध में ऊर्जा विभाग, जिसके अध्यक्ष नितिन राऊत थे, द्वारा दिये गये ठेकेदार की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। जिले की राजनीति में केदार और राउत के बीच विवाद चल रहा है। हाल ही में हुए शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस किसको समर्थन दे, इसे लेकर केदार बनाम पटोले की तस्वीर बन गई थी। यही नहीं विलास मुत्तेमवार और नितिन राउत का झगड़ा जग जाहिर है। सत्ता में रहते हुए दोनों नेताओं ने एक दूसरे को कभी सीधे मुँह से देखा तक नहीं।
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