कैलाश नागरे आत्महत्या: सरकार पर हमलावर हुआ विपक्ष, विजय वडेट्टीवार ने मुख्यमंत्री के दावे पर सवाल उठाते हुए बताया निर्दयी

नागपुर: युवा कृषक किसान पुरस्कार विजेता किसान कैलाश नागरे ने गुरुवार को अपने खेत में जहरीली दवा खाकर आत्महत्या कर ली। किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने के कारण नागरे ने यह खौफनाक कदम उठाया। पुरस्कार विजेता किसान द्वारा इतना पड़ा कदम उठाने की खबर फैलते ही राज्य में हड़कंप मच गया है। विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस विधायक दल नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार के दावे पर सवाल उठाया। इसी के साथ उन्होंने महायुति सरकार को किसानों के प्रति निर्दयी बताई है।
नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, "पिछले वर्ष 2700 किसानों ने आत्महत्या की है। किसी के पास कोई सहायता नहीं है। यह सरकारी वेबसाइट पर आधिकारिक आंकड़ा है। आप इन किसानों का सम्मान करते हैं, आप उनका महिमामंडन करते हैं, वे पानी के लिए चरखा चलाकर आत्महत्या करते हैं।"
कांग्रेस नेता ने कहा, "आप जल युक्त शिवार की बात करते हैं और दावा करते हैं कि इससे बड़ी मात्रा में कृषि सिंचाई के अंतर्गत आ गई है। मुख्यमंत्री कहते मंत्री कहतें हैं। युवा किसान को आत्महत्या क्यों करनी पड़ी? तुमने उसे पानी क्यों नहीं दिया? ऐसा सवाल भी वडेट्टीवार ने इस दौरान उन्होंने पूछा। कांग्रेस ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, "कृषि उत्पादों का कोई मूल्य नहीं है, राज्य में क्या चल रहा है। यह सरकार किसानों के प्रति निर्दयी है, उनमें जरा भी दया नहीं है।"
विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा: नाना पटोले
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि, "जिस किसान को सम्मानित किया गया और होली के दिन आत्महत्या की उसने राज्य सरकार को इसके लिए जिम्मेदार बताया है। हम सोमवार को सत्र में यह मुद्दा उठाएंगे। हम महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के खिलाफ आवाज उठाएंगे। सरकार को इस पर रुख अपनाना चाहिए। राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार कहती है कि उसने किसानों को बहुत कुछ दिया है, लेकिन उसने कुछ भी नहीं दिया। होली के दिन किसानों द्वारा आत्महत्या करने से महाराष्ट्र हिल गया है।"

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