नागपुर के संतरे को लेकर लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने किया बड़ा दावा, बयान से बढ़ सकता है विवाद

नागपुर: नागपुर का संतरा विश्वभर में प्रसिद्ध है। देश से लेकर दुनिया भर के लोग नागपुर के संतरे के दीवाने हैं। हालांकि, कई बार इसपर विवाद भी होता रहा है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश के मंत्री और भाजपा के बड़े नेता कैलास विजयवर्गीय ने नागपुर के ही संतरों पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि, नागपुर से ज्यादा संतरा मध्य प्रदेश में पैदा होता है। वहीं यहाँ के व्यापारी वहां जाते हैं और उसे नागपुर ब्रांड के नाम से बेंचते हैं।
एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कैलास विजयवर्गीय शनिवार को नागपुर पहुंचे थे। यहाँ उन्होंने नागपुरी संतरे पर सवाल उठाते हुए यह बात कही। विजयवर्गीय ने कहा कि, "मध्य प्रदेश में संतरे का उत्पादन अधिक होता है। एमपी का सारा संतरा नागपुर के व्यापारी ले जाते है और नागपुर के संतरे के नाम से ब्रांडिंग करते है. जिससे इस शहर के पहचान संतरे के रूप में होने लगी है।" कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान से इस एक बहस छिड़ गई है. उनके इस बयान पर कितनी सच्चाई है उसके पीछे की हकीकत जान लेते है।
नागपुर में क्यों होता है संतरा,क्या है कारण?
सबसे पहले नागपुर समेत पुरे विदर्भ की मिट्टी को रेगुर यानी काली मिट्टी कहा जाता है. और संतरे की खेती करने के लिए काली मिट्टी को अच्छा माना जाता है. देश में कुल संतरा उत्पादन का 80 फीसदी सिर्फ महाराष्ट्र में किया जाता है. जबकि इनमे 50 से 60 फीसदी संतरे का उत्पादन नागपुर, अमरावती, अकोला जिलों में होता है.
अकेले नागपुर में संतरों के लिए 20,965 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाता है। इनमे सबसे अधिक नरखेड़ तहसील में 10 हजार हेक्टर भूमि पर संतरे की बागवानी होती है। यहां हर साल करीब 5 लाख टन संतरे का उत्पादन होता है। वही, अमरावती जिले के वरूड, मोर्शी, चंदूर बाजार, धामनगांव तहसील में 69 हजार हेक्टर पर संतरे की बागवानी होती है।
नागपुर-अमरावती इन दो जिलों में ही 90 हजार हेक्टर भूमि पर संतरे की खेती होती है। जबकि मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा, बैतूल, होशंगाबाद, शाजापुर, उज्जैन, भोपाल, नीमच, रतलाम और मंदसौर जिले में संतरे की खेती की जाती है। पुरे मध्यप्रदेश में संतरे की बागवानी 43,000 हैक्टेयर क्षेत्र में होती है जिसमें से 23,000 हैक्टेयर क्षेत्र छिंदवाड़ा जिले में है।
विजयवर्गीय के दावे निकले झूठे
मौजदा समय में दिए आकड़ो को देखें तो मध्य प्रदेश के मंत्री विजयवर्गीय ने जो दावा कियाहै, वह कहीं भी नहीं टिकता। संतरे की खेती का छेत्रफल, निकलने वाला माल सहित अन्य चीजों को भी देखें तो अकेले नागपुर और अमरावती जिले को मिला लें तो पुरे मध्य प्रदेश से ज्यादा है।
यह पहला मौका नहीं?
यह पहला मौका नहीं है जब मध्य प्रदेश के किसी नेता ने नागपुर के संतरे को लेकर इस तरह की बयानबाजी की है। 2014 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन केंद्रीय परिवहन और महामार्ग मंत्री कमल नाथ ने भी इसी तरह की बयानबाजी की थी। उस समय एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि, "नागपुर में संतरे नहीं होते हैं। हमारे छिंदवाड़ा में यह सब होता है। नागपुर के व्यापारी आतें हैं और उसे खरीद कर नागपुर ब्रांड के नाम से बेंचते हैं।"

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