हिंदी सीखना मराठी का अपमान कैसे?, सुधीर मुनगंटीवार ने पूछा सवाल; राज-उद्धव के एक होने पर दी शुभकामनाएं

नागपुर: महाराष्ट्र में मराठी, हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा को लेकर चल रही बहस के बीच भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने स्पष्ट किया है कि हिंदी भाषा को लेकर फैलाया जा रहा भ्रम पूरी तरह से बेबुनियाद है। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि हिंदी को पढ़ाने का मतलब मराठी का अपमान नहीं है।
कांग्रेस और ठाकरे गुट पर तंज
मुनगंटीवार ने कहा कि कांग्रेस ने साफ किया है कि अगर ठाकरे बंधु (उद्धव और राज) एक साथ आते हैं, तो वे उनके साथ नहीं जाएंगे। यह राज्य में भ्रम का माहौल बनाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि जब हम राष्ट्रगीत गाते हैं, तो सभी राज्यों की जय-जयकार करते हैं। अगर "जय गुजरात" या "जय उत्तर प्रदेश" कहा जाए तो क्या हम छोटे हो जाते हैं? उन्होंने यह सवाल उठाया।
"दोनों भाई एक हों, हमारी शुभकामनाएं"
उन्होंने कहा कि अगर उद्धव और राज ठाकरे एक साथ आते हैं, तो यह अच्छी बात है। भाजपा की तरफ से उन्हें शुभकामनाएं हैं। दोनों भाई एक हों, मिलकर रहें, अगर जरूरत पड़ी तो दो पक्षों को एक करना भी उचित है।
हिंदी सीखना मराठी का अपमान कैसे?"
सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि मराठी लोगों का अंग्रेजी सीखना गर्व और पराक्रम की बात मानी जाती है। लेकिन हिंदी सीखने को मराठी भाषा का अपमान कहा जाना उन्हें समझ में नहीं आता। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि शायद अगर कुछ लोग 50 से 100 किताबें और पढ़ लें, तो उन्हें यह बात समझ में आ जाए।
"यह राजकारण नहीं, एक भ्रम है"
उन्होंने कहा कि मराठी भाषा को लेकर कोई राजनीतिक दुर्भावना नहीं है। यह सिर्फ एक गलतफहमी है जो फैल रही है। जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने एक समिति का गठन किया था, जिसने त्रिभाषा सूत्र की सिफारिश की थी। इस सूत्र के अनुसार, पांचवीं कक्षा से हिंदी भाषा अनिवार्य होनी चाहिए, और बचपन से ही मराठी और अंग्रेज़ी के साथ हिंदी भी पढ़ाई जाए।

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