नागपुर में जल-जमाव को लेकर विधायक विकास ठाकरे ने सरकार को घेरा, पूछा- विकास हुआ तो स्थिति ऐसी क्यों हुई? मनपा के कामों का ऑडिट करने की मांग

नागपुर: उपराजधानी नागपुर (Nagpur City) में मंगलवार-बुधवार को 202.4 एमएम बारिश हुई है। इस मूसलाधार बारिश के कारण शहर के कई इलाको में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। किसी के घर में पानी खुस गया तो कहीं सड़क धस गई। यही नहीं शहर की सड़कें तालाब में तब्दील दिखाई दिए, जिसके कारण नागपुरवासियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नागपुर में बारिश से हुई स्तिथि का मुद्दा बुधवार को विधानसभा में उठा। पश्चिम नागपुर विधायक विकास ठाकरे (MLA Vikas Thakre) ने इस मुद्दे को उठाते हुए राज्य सरकार और प्रशासन को आड़े हाथ लिया। इस दौरान उन्होंने मनपा (Nagpur Municipal Corporation) सहित आयुक्त की कार्यप्रणली को लेकर उन्हें घेरा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले साल हुई स्थिति को देखते हुए दोबारा ऐसी स्थिति न हो इसको लेकर सरकार ने कई कामों की मंजूरी दी, लेकिन समय पर पूरा नहीं होने के कारण आज नागपुर की जनता पानी में डूब रही है। सरकार ने शहर में एक लाख करोड़ रूपये के काम करने का दावा किया है, लेकिन अगर काम हुआ है तो बाढ़ जैसी स्तिथि क्यों बानी, ऐसा सवाल भी पूछा? यही नहीं ठाकरे ने नागपुर मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी और एमएसआईडीसी के एमडी बृजेश दीक्षित की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया और नगर विकास विभाग के कामों की जाँच करने की मांग की।
विकास ठाकरे ने कहा कि दो दिन लगातार बारिश से नागपुर शहर का सत्यानाश हो गया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 25-25 साल मेहनत कर घर बनाया, सामान ख़रीदा वो सब पानी में बह गया। ठाकरे ने कहा कि इतने वजनदार लोग नागपुर शहर में है लेकिन क्या प्रशासन पर किसी का बस नहीं? यदि ऐसा है तो आम जनता किसके पास जाएगी। ठाकरे ने अनियमित निर्माण कार्य को भी लेकर कई प्रश्न उठाए।
विकास ठाकरे ने कहा कि हमारा किसी विकास परियोजना कार्य के लिए विरोध नहीं है। लेकिन क्या सामान्य नियमों का ध्यान न रखते हुए किसी भी तरह का काम कोई विभाग कैसे कर सकता है उन्होंने ऐसा सवाल किया। ठाकरे ने बृजेश दीक्षित का नाम लेते हुए कहा कि उनपर कानून व्यवस्था शायद लागू नहीं होती। साथ ही विधायक ने विभिन्न मुद्दों पर सवाल कर, सरकार से कार्रवाई करने की मांग की।

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