अकोला पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की उम्मीदवारी पर रहस्य बरकरार, इच्छुक उम्मीदवारों के समर्थकों देखने मिल रही भारी भीड़
अकोला: अकोला जिले में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें अकोला पश्चिम विधानसभा क्षेत्र सबसे संवेदनशील माना जाता है। इस संसदीय क्षेत्र में सभी राजनीतिक दलों द्वारा उम्मीदवार को लेकर रहस्य बरकरार रहने से दावेदारों की भीड़ बढ़ गई है। इसी क्षेत्र से अपने नेताओं को सीट दिलाने के लिए समर्थकों की भी जोरदार भीड़ देखने को मिल रही है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा चल रही है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप वखारिया इस सीट से कांग्रेस के प्रबल दावेदार हैं। लेकिन कांग्रेस के युवा नेता साजिद खान पठान की पहले से ही इस सीट पर मजबूत दावेदारी है। तो अब सबकी नजर इस बात पर है कि कांग्रेस हाईकमान किसके नाम पर मुहर लगाता है।
कांग्रेस पार्टी के पास इस निर्वाचन क्षेत्र में नामांकन के लिए 20 से अधिक उम्मीदवारों की एक लंबी सूची है। दिवंगत भाजपा विधायक गोवर्धन शर्मा पिछले छह चुनावों से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। अपराजित विधायक के तौर पर उनकी इस क्षेत्र में अलग पकड़ थी। लेकिन पिछले चुनाव में भारी मतदान के कारण कांग्रेस के साजिद खान पठान से हार गये थे।
लालाजी के निधन के बाद कई वर्षों से इस सीट पर नजर रखने वाले बीजेपी के इच्छुक दावेदारों ने भी फील्डिंग लगाई। अगर उन्हें उम्मीदवारी नहीं दी गई तो बीजेपी पार्टी ने असंतुष्टों के खिलाफ बगावत का बड़ा आह्वान भी कर दिया है।
महाविकास अघाड़ी में इस सीट को लेकर कांग्रेस और उद्धव बाला साहेब ठाकरे शिवसेना के बीच जमकर खींचतान चल रही है। पिछले दो वर्षों में इस संसदीय क्षेत्र में हुए सांप्रदायिक दंगों के कारण यह निर्वाचन क्षेत्र काफी संवेदनशील माना जाता है। पिछले चुनाव में साजिद पठान ने बीजेपी को जो कड़ी टक्कर दी थी, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें दोबारा इस सीट से मैदान में उतारेगी।लेकिन अभी तक उम्मीदवारी की घोषणा नहीं होने से दावेदारों की घबराहट बढ़ गयी है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वंचित बहुजन अघाड़ी फिलहाल इस सीट पर वेट एंड वॉच की भूमिका में है। महायुति या महाविकास अघाड़ी में अप्रभावित प्रमुख दावेदार का वंचित अपने गले से लगाएंगे और अंतिम समय में उन्हें एबी फॉर्म सौंपा जाएगा।
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