Nagpur: शहर में लगे कैमरे-बने शो पीस; एलएंडटी ने छोड़ा काम, 1500 से ज्यादा कैमरे बंद

नागपुर: शहर में सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरो का सिस्टम ऑटो पायलट मोड़ में आ पंहुचा है. ये सिस्टम कभी भी बंद हो सकता है. पहले से ही शहर में 1500 के करीब कैमरे बंद है. ऐसे में अब सिस्टम के ऑटो पायलट मोड़ में पहुंच जाने की वजह से ये कभी भी ठप्प हो सकता है. कैमरों के मेंटेनेंस का काम देखने वाली कंपनी एल एन्ड टी ने काम को छोड़ दिया है. जबकि नई कंपनी की नियुक्ति के लिए काम फ़िलहाल टेंडर प्रक्रिया शुरू है. शहर के कई हिस्सों में कैमरों के बंद होने का खासा असर हालही में नागपुर हुई हिंसा की घटना और रामनवमी के दौरान भी दिखाई पड़ा है. पुलिस के निवेदन पर नागपुर स्मार्ट सिटी ने जुड़ागतंत्र का इस्तेमाल कर कैमरों की सेवा उपलब्ध कार्रवाई थी.
नागपुर शहर में तीसरी आंख के रूप में रास्तो पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरों को देखा जाता है लेकिन बीते काफी वक्त से शहर भर में लगाए गए 3682 कैमरों से 1500 से अधिक कैमरे बंद है. इस कैमरों के बंद होने की वजह शहर में शुरू विकास कामों की वजह से जगह-जगह ब्रेक हुई ऑप्टिकल फाइबर है. जिसे फिर से रिस्टोर किये जाने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. लेकिन मौजूदा समय में जो कैमरे शुरू है उनके भी कभी भी बंद पडने के आसार है।
क्यूंकि अब तक कैमरों के मेन्टेन्स का काम देखने वाली कंपनी एल एन्ड टी का करार पूरा हो गया है चूका है जो स्थिति है ऐसी स्थिति में ये सिस्टम कभी भी बंद हो सकता है. खास है की अगर सिस्टम या कैमरा बंद हो जाते है तो उन्हें फिर से शुरू करवाना स्मार्ट सिटी के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.
- नागपुर शहर में लगे 3682 कैमरों से 1500 से अधिक कैमरे बंद है.
- नागपुर शहर में इस काम को करने वाली कंपनी एल एन्ड टी ने काम बंद कर दिया है.
- कंपनी का करार 2 फ़रवरी 2025 तक ही था.
- कंपनी ने 19 मार्च तक गुड़फेथ में अपनी सेवाएं दी.
- अब न केवल कैमरे बल्कि पूरा सिस्टम ऑटो पायलट मोड़ पर काम कर रहा है.
शहर में लगे कैमरों की देख रेख की जिम्मेदारी नागपुर स्मार्ट सिटी के पास है जिस वजह से तत्काल जरुरत को देखते हुए स्मार्ट सिटी ने एल एन्ड टी कंपनी के कुछ कर्मचारियों को अपने यहाँ रख लिया है लेकिन जो लोग नियुक्त हुए है वो भी पूरी तरह से एक्सपर्ट नहीं है..
- शहर में कैमरों के बंद होने की वजह से सुरक्षा के लिहाज से कई तरह की चुनौतियां आ रही है
- हालही में रामनवमी के समय शोभायात्रा के मार्ग पर निगरानी रखने की बड़ी चुनौती थी
- जिस 34 मार्गो से शोभायत्रा निकलने वाली थी वहां के 200 कैमरे बंद थे
- पुलिस के निवेदन पर स्मार्ट सिटी ने अलग-अलग वेंडरों की मदत लेकर इन्हे शुरू करवाया था
- कुछ ऐसी ही आनन फानन की स्थिति नागपुर में हुई हिंसा की घटना के दिन हुई थी
- पुलिस को पहले से मिले इनपुट के आधार पर महल जैसे इलाके में निगरानी के लिए कैमरों की जरुरत थी
- पर महल में शुरू ब्रिज के काम की वजह से न केवल इलाके के बल्कि हिंसा के हॉट स्पॉट में कैमरे बंद थे
- हिंसा वाले दिन आनन-फानन में सुबह के समय फिर जुगाड़ का इस्तेमाल कर कैमरों को शुरू कराया गया
अकेले हिंसा वाली घटना के दिन का कैमरों का 550 जीबी डाटा स्मार्ट सिटी ने पुलिस विभाग को दिया है.नागपुर में हुई इतनी बड़ी घटना के बाद जरुरी है की शहर के कैमरे जल्द से जल्द शुरू हो लेकिन जल्द इनके शुरू होने के असर कम है. दूसरी तरफ स्मार्ट सिटी भी एक्सपर्ट संसाधन की कमी से जूझ रहा है.

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