NMC Election 2025: हर वार्ड में बढ़े 10 से 15 हजार मतदाता, चुनाव का रूख करेंगे तय; राजनीतिक दलों ने शुरू किया संपर्क साधना

नागपुर: नागपुर महानगर पालिका चुनाव की तैयारी शूरू हो गई है। राज्य सरकार ने नागपुर मनपा के आयुक्त डॉक्टर अभिजीत चौधरी को नए सिरे से प्रभागों की संरचना करने का आदेश दिया है। सरकार ने सितंबर महीने के पहले सप्ताह में कार्रवाई पूरी करने का आदेश दिया है। सरकार के आदेश के साथ शहर की सरकार बनने का काऊन डाउन भी शुरू हो गया है। नागपुर मनपा में आखिरी चुनाव 2017 में हुआ था तब से लेकर अब तक प्रत्येक वार्डों में मतदाताओं की संख्या 10 से 15 हजार बढ़ी है। बढ़े मतदाता आगामी चुनाव में उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। जिसको देखते हुए राजनीतिक दलों ने इन मतदाताओं से संपर्क बनाना शुरू कर दिया है, हालांकि यह आसन नहीं नजर आ रहा।
2017 के महानगर पालिका चुनावों और 2024 के विधानसभा चुनावों के बीच, पंजीकृत शहरी मतदाताओं की संख्या 19.09 लाख से बढ़कर 23.65 लाख हो गई, जो लगभग 24 प्रतिशत की वृद्धि है। 4.5 लाख से अधिक मतदाताओं के जुड़ने से वार्डों में चुनाव परिणामों पर नाटकीय रूप से असर पड़ने की उम्मीद है, जिससे पार्टियों को अभियान की रणनीति फिर से बनानी होगी और व्यापक रूप से विस्तारित मतदाताओं से फिर से जुड़ना होगा।
प्रशासक राज ने नेताओं और जनता में बढ़ाई दूरी
नागपुर मनपा में आख़िरी चुनाव 2017 में हुए थे। जिसमें भाजपा को प्रचंड जीत मिली थी। हालांकि, 2022, मार्च महीने से मनपा में प्रशासक का राज है। पिछले आठ सालों में नागपुर की जनता ने दो लोकसभा और दो विधानसभा चुनाव देख लिए हैं। हलांकि, मनपा का चुनाव एक बार भी नहीं हुआ। लोकसभा विधानसभा का गणित और मनपा चुनाव का गणित बहुत अलग होता है। प्रशासक राज में नागरिकों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। छोटे से छोटे काम के लिए उन्हें चक्कर लगाने पड़े जिसके कारण नागरिकों में रोष है। काम नहीं होने के कारण नागरिकों में पूर्व पार्षदों के खिलाफ नाराजगी है। या ये कहें की नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के बीच दूरियां बहुत बढ़ गई है।
प्रभाग रचना पर टिकी सभी की नजरें
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को चुनाव कराने के लिए चार महीने का समय दिया है। अदालत के आदेश पश्चुत कार्रवाई भी शुरु हो गई है। सरकार ने आयुक्त को प्रभाग की रचना करने का आदेश दिया है। वहीं चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रभाग संरचना पर नजर टिकाए बैठे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 2011 का डाटा इस्तेमाल करने का आदेश दिया है। इसका मतलब पिछले चुनाव में जिस तरह की स्थिति थी लगभग वैसे ही रहेगी। हालांकि, प्रत्येक वार्ड में वोटर बढ़ने और नए संरचना के अनुसार, प्रभाग बनाने में थोड़ा बहुत बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है।
अन्य चुनावो से इस बार का चुनाव होगा बेहद अलग
आमतौर पर भारत या नागपुर में पारंपरिक तौर पर पूराने रीति से ही चुनाव लड़े जाते रहे हैं। हालांकि, 2019 के बाद से भारतीय चुनाव व्यवस्था सहित लड़ने के तौर तरीके, मतदाताओं में संपर्क बनाने में बड़ा बदलाव आया है। पहले जहां चुनाव में संभावित उम्मीदवार महीने पहले लोगों से मिलना जुलना शुरू कर देते थे, वहीं अब मतदान के दो हफ्तों पहले यह प्रक्रिया शुरू होती है। सोशल मीडिया और नई तकनीक का इस्तेमाल न केवल चुनाव प्रचार बल्कि चुनाव संपन्न कराने में भी बड़े तौर पर इस्तेमाल किए जा रहें हैं। वहीं आर्टिफिशियल इंटिलेजेंस का इस्तेमाल जीस तरह बढ़ रहा है वह इस बार नागपुट मनपा चुनाव में बेहद अहम रोल इस्तेमाल करेगा। जिसको देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि मतदाता, राजनीतिक दलों और तकनीक की दृष्टि से चुनाव बेहद अलग होगा।

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