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Nagpur

Nagpur: ट्रैफिक विभाग ने नहीं दी करवाई की जानकारी, अदालत ने ट्रैफिक डीसीपी को बताओ नोटिस किया जारी


नागपुर: नागपुर के धंतोली और रामदासपेठ परिसर में ट्रैफिक के नियमों का उलघंन करने पर अप्रैल में महीने में कितने वाहन चालकों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई इसकी जानकारी रिकॉर्ड पर कोर्ट ने ट्रैफिक पुलिस से मांगी थी। हालांकि ट्रैफिक पुलिस डीसीपी द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ को  यह जानकारी मुहैया नहीं करवाई गई। जिसके चलते कोर्ट में ट्रैफिक डीसीपी को अवमानना कार्रवाई पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जिनका स्पष्टीकरण 19 जून तक देने का आदेश दिया है.

नागपुर के धंतोली नागरिक मंडल द्वारा कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई  थी. इस याचिका पर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के न्यायमूर्ति नितिन सांबरे व न्यायमूर्ति अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई. पिछले मार्च महीने में न्यायालय ने धंतोली व रामदासपेठ स्थित अस्पतालों द्वारा पार्किंग की जगह पर किया गया अधिग्रहण और अवैध निर्माण हटाने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन करने का आदेश मनपा आयुक्त और ट्रैफिक पुलिस डीसीपी को  दिया था. इस पर  कारवाई कर इसकी लिखित जानकारी का रिकॉर्ड देने के लिए आदेश जारी किए गए थे.लेकिन उस आदेश का गंभीरता से पालन नहीं किया गया.

धंतोली व रामदासपेठ में अधिकांश अस्पताल खोले गए हैं.इसमें अनेक अस्पतालों के संचालकों ने पार्किंग व अन्य नियमों का उल्लंघन किया है.हालांकि किसी भी इमारत या ऐसे संस्थान के लिए पार्किंग के लिए सुरक्षित जगह रखना आवश्यक है. अस्पताल संचालकों ने इमारत का प्रारूप मंजूर करने के दौरान पार्किंग के लिए जगह दर्शीयी  गई थी और इसके अनुसार इमारत का निर्माण भी किया गया. लेकिन प्रत्यक्ष रूप में पार्किंग की जगह किसी और काम के लिए उपयोग में लाई जा रही है.इसी कारण बाहर से इन अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों को सड़क पर ही अपने वाहन खड़े करने पड़ते हैं। इसकी वजह से परिसर में जगह-जगह ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है।

हालांकि इसी मामले में कोर्ट ने मनपा के धंतोली व लक्ष्मी नगर जोन उपायुक्ततों को भी  अस्पतालों के अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाने के लिए कानूनी कारवाई नहीं की है.इस पर न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त कर कहा है कि दोनों अधिकारी भी अवमानना कार्रवाई के योग्य हैं और इस पर मानपायुक्त को इस विषय में 18 जून पर तक स्पष्टीकरण पेश करने का आदेश दिया है।