Nagpur Violence: नागपुर हिंसा पर संघ की आई पहली प्रतिक्रिया, औरंगज़ेब को लेकर कह दी बड़ी बात

बंगलुरु: औरंगज़ेब की कब्र को हटाने को लेकर हुए आंदोलन उसके बाद हुई हिंसा पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Rashtriya Swayam Sevak Sangh) की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। संघ के प्रवक्ता और राष्ट्रीय प्रचारक संतोष आंबेकर (Santosh Ambekar) ने बयान जारी करते हुए औरंगज़ेब को अप्रासंगिक बताया है। इस के साथ यह भी कहा कि, किसी भी तरह की हिंसा को प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए।"
संघ का बंगलुरु में तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित होने वाली है। जिसके पहले संघ ने पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान आंबेकर से नागपुर हिंसा और औरंगज़ेब की कब्र को हटाने को लेकर सवाल किया। जिसपर जवाब देते हुए उन्होंने यह बात कही। आंबेकर ने कहा, "मुगल बादशाह आज के समय में प्रासंगिक नहीं है। वहीँ हिंसा पर कहा कि, हिंसा समाज के लिए अच्छा नहीं है और न ही इसे प्रोत्साहित किया जा सकता है।"
आरएसएस का यह रुख ऐसे समय में आया है, जब औरंगजेब की समाधि हटाने की मांग और उससे जुड़ी विभिन्न अफवाहों को लेकर नागपुर में भड़की हिंसा के बाद तनाव चरम पर है। 17 मार्च सोमवार को नागपुर के महल और हंसपुरी में उपद्रवियों ने जमकर बवाल किया था। इस दौरान कई वाहनों और घरो को निशाना बनाया गया। इस हिंसा में 33 पुलिसकर्मी और पांच आमजनता घायल हो गई। सभी का इलाज विभिन्न अस्पतालों में किया जा रहा है।हिंसक झड़पों के बाद नागपुर के दस पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है।
मास्टरमाइंड का हुआ खुलसा, पुलिस ने किया गिरफ्तार
नागपुर हिंसा के मास्टमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरओई की पहचान फहीम खान के रूप में हुई है। आरोपी माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी का शहर अध्यक्ष है। आरोपी ने पहले भीड़ को दंगे वाली जगह पर जमा किया और इसके बाद पुलिस और प्रशासन के खिलाफ भड़काया। जिसके बाद भीड़ ने उत्पात और आगजनी शुरू कर दी। पुलिस ने आरोपी को उसके यशोधरा नगर स्थित आवास से गिरफ्तार किया है। जहाँ अदालत ने उसे 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
51 नामजद सहित 600 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज
नागपुर पुलिस ने हिंसा को लेकर पांच एफआईआर दर्ज किये है। जिसमें 51 नामजद और 500 से 600 अज्ञात आरोपियों को आरोपी बनाया गया है। जिसमें नाबालिग भी शामिल है। नामजद आरोपियों में से 26 आरोपियों को मंगलवार रात को जिला अदालत में पेश किया गया, जहां सभी को 14 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। वहीँ अन्य आरोपियों की खोजबीन शुरू है।

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