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सुप्रीम आदेश के साथ मनपा चुनाव का काऊन-डाउन शुरू, चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं ने शुरु की गोलबंदी


नागपुर: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र निकाय चुनाव में आरही सबसे बड़ी बाधा को दूर कर दिया। अदालत ने ओबीसी आरक्षण को जैसे थे करते हुए चार महीने के अंदर चुनाव संपन्न कराने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। अदालत के आदेश के बाद चुनाव का रास्ता पुरी तरह साफ हो गया है। वहीं दूसरी तरफ चार हफ्तों में अधिसूचना जारी करने के निर्देश के साथ चुनाव का काऊन डाउन भी शुरू हो गया है। पिछले तीन साल से चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं की बाहें खिल गई है। अदालत का आदेश आते ही सभी इच्छुको ने गोलबंदी शुरु कर दी है। कोई जहां जनता के बीच उपस्थिति दर्ज कराने दौड़ पड़ा है तो कोई पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मेल मिलाप करने लगा है।

नागपुर महानगर पालिका पर मार्च 2022 से प्रशासक का राज है। 2021 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाए जानें के कारण नागपुर सहित राज्य के 10 मनपा में चुनाव नहीं हुए थे। तीन सालों से लगे प्रशासक राज के कारण लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता था। प्रतिनिधि नहीं होने के वजह से एक तरफ जहां नागरिकों के काम नहीं होते थे, वहीं दूसरी तरफ पूर्व जन प्रतिनिधियों को नागरिकों के गुस्से का सामना करना पड़ता था। जिसको देखते हुए सभी जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग कर रहे थे।

नागपुर मनपा में बढ़ेगी पांच सीट
2022 में तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार ने मनपा पर प्रशासक नियुक्त किया था। हालांकि, सरकार ने जनसंख्या वृद्धि के एक अनुमान के साथ नागपुर मनपा की सीटों को बढ़ाने का निर्णय लिया था। हालांकि, जून में सरकार गिरने और एकनाथ शिंदे की अगुवाई में नई सरकार बनने के बाद आदेश को पलट दिया गया।

तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शहरी इलाकों में नए क्षेत्रों के समावेश को ध्यान में रखते हुए नागपुर मनपा में सीटो को बढ़ाने का निर्णय लिया। 2017 में जहां मनपा की 38 प्रभाग की 151 सीटों पर चुनाव हुआ था, वहीं 2025 में होने वाले परिसीमन के तहत 156 सीटों पर चुनाव कराए जायेंगे। यानी की मनपा में पांच सीटों की बढ़ोतरी होगी। 

चार वार्डो का होगा एक प्रभाग
2023 में किए नए परिसीमन के तहत राज्य सरकार ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका को छोड़ कर शेष नौ मनपा में 2017 के फार्मूले के तहत चुनाव कराने का निर्णय लिया था। यानी चार वार्डो को मिलकर एक प्रभाग बनाया जायेगा। 2025 में होने वाले चुनाव में भी पुराना फॉर्मूला लागू किया जाएगा। यानी चुनाव प्रभाग पद्धति से होंगे और एक प्रभाग में चार वार्ड शामिल होंगे।

60 प्रतिशत नगरसेवको का टिकट काटेगी भाजपा
नागपुर महानगर पालिका में भाजपा 2007 से काबिज है। 2017 के चुनाव में भाजपा ने रिकॉर्ड जीत हासिल करते हुए उसके 109 नगर सेवक चुनाव जीते थे। हालांकि, जनता से दूरी, क्षेत्र में दिखाई नहीं देने। संपर्क नहीं बनने के कारण नागरिकों में नगरसेवकों के प्रति जनता में काफी रोष है। कई मौके पर इन माननीयों को जनता का विरोध भी झेलना पड़ है। बीते लोकसभा चुनाव में इसका असर भी दिखाई दिया। 

नगरसेवकों के प्रति रोष और 15 साल की सत्ता विरोधी लहर को दूर करने के लिए भाजपा बड़ा निर्णय ले सकती है। भाजपा अपने 60 प्रतिशत नगरसेवकों का टिकट काट सकती है। और उनकी जगह नए और साफ सुथरे चेहरों को चुनाव में उतार सकती है। सबसे महत्वपूर्ण भाजपा इस बार महिलाओं पर बड़ा दांव खेल सकती है।