logo_banner
Breaking
  • ⁕ मनपा ने लगातार दूसरे दिन की 92 सफाई कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई, निरीक्षण के दौरान कर्मचारी पाए गए अनुपस्थित ⁕
  • ⁕ Buldhana: जिला परिषद स्कूलों में छात्र संख्या में गिरावट, ZP CEO ने 35 शिक्षकों को किया निलंबित; 60 को जारी किया कारण बताओ नोटिस ⁕
  • ⁕ कोच्चि से दिल्ली जा रही इंडिगो की फ्लाइट को बम से उड़ाने की धमकी, नागपुर में इमरजेंसी लैंडिंग; 157 यात्री थे सवार ⁕
  • ⁕ Buldhana: बारिश के इंतजार में किसान, सात लाख 36 हजार 566 हेक्टेयर में बुवाई में हुई देरी ⁕
  • ⁕ Yavatmal: जून का आधा महीना बीता, लेकिन अभी तक किसानों को नहीं बंट सका कर्ज ⁕
  • ⁕ Akola: फर्जी प्रमाणपत्र की करें जाँच, जिला परिषद् सीईओ ने दिए आदेश ⁕
  • ⁕ Amravati: योजना में शेष कार्यों को पूरा करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से प्रस्ताव प्रस्तुत करें - विभागीय आयुक्त डॉ. श्वेता सिंघल ⁕
  • ⁕ Amravati: जिले में कपास के बीज के 13 लाख 75 हजार पैकेट उपलब्ध ⁕
  • ⁕ जिला दूध संघ चुनाव के लिए दो दुश्मन हुए एक, गठबंधन का किया ऐलान; चर्चाओं का बाजार गर्म ⁕
  • ⁕ Gondia: महाराष्ट्र कांग्रेस को एक और झटका, प्रदेश सचिव राजीव ठकरेले ने दिया इस्तीफा; शिवसेना में हुए शामिल ⁕
Bhandara

भंडारा के तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में बगावत, बागियों के कारण पार्टी प्रत्याशियों के छूट रहे पसीने


भंडारा: भंडारा जिले इस बार जबरदस्त मुकाबला देखने को मिलने वाला है. इसका कारण हर पार्टी में बगावत होना है. चुनाव शुरू होते ही असंतुष्ट उम्मीदवारों ने बगावत कर अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. भंडारा विधानसभा में महाविकास अघाड़ी से पूजा ठवकर को कांग्रेस से नामांकन मिलने के बाद, अब शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट से बागी नरेंद्र पहाड़े ने अपनी उम्मीदवारी दाखिल की है. वहीं, शिवसेना शिंदे गुट से नरेंद्र भोंडेकर के मैदान में होने से भंडारा विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा.

यहां साकोली सीट पर बीजेपी ने एनसीपी से बीजेपी में शामिल हुए अविनाश ब्राह्मणकर को उम्मीदवार बनाया है. इसलिए, सिमदत्त करंजेकर ने स्वतंत्र उम्मीदवारी के तौर पर नामांकन दाखिल किया. चूंकि बीजेपी के कुछ नेता उनके साथ हैं, इसलिए अब साकोली विधानसभा क्षेत्र में नाना पटोले की राह आसान हो गई है.

तुमसर विधानसभा में राष्ट्रवादी शरद पवार गुट के पूर्व विधायक चरण वाघमारे को भी टिकट दिया गया है. इस वजह से एनसीपी के ज्यादातर कार्यकर्ता नाराज थे. तीसरा गठबंधन तैयार करते हुए मधुकर कुकड़े को खड़ा किया गया.

राष्ट्रवादी अजित पवार गुट में भी बगावत हो गई है. विधायक राजू कारेमोरे को उम्मीदवारी मिलते ही तहसील अध्यक्ष धनेंद्र तुरकर ने बगावत कर दी और अपनी उम्मीदवारी दाखिल कर दी. प्रफुल्ल पटेल ने धनेंद्र तुरकर को मनाने की कोशिश की. लेकिन तुरकर नहीं माने. इसलिए तुमसर विधानसभा क्षेत्र में बागियों के कारण दोनों एनसीपी को काफी पसीना बहाना पड़ेगा.