Sakoli Assembly Election: जहां से नाना ने शूरू की राजनीति वहीं की जनता विरोध में खड़ी, अब बस अपनो का सहारा
भंडारा: विधानसभा चुनाव को लेकर यूसीएन की सवारी लगातार अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों में घूम रही है। जहां हम उस क्षेत्र के सभी पहलुओं, सामाजिक समीकरण सहित राजनीति समीकरण की जानकारी ले रहे हैं। इसी क्रम में आज हम बात करेंगे राज्य की चर्चित सीटों में से एक साकोली विधानसभा सीट की। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले वर्तमान में यहां से विधायक है। 2009 में वह पहली बार यहां से विधायक बने थे। सबसे महत्वपूर्ण भाजपा की टिकट पर उन्होंने चुनाव लडा और जीता। हालांकि, 2018 में वह कांग्रेस में शामिल हुए और 2019 में विधानसभा चुनाव लडा और विधायक बने। आज की स्टोरी में जानेंगे आख़िर साकोली में क्या है स्थिति। नाना को लेकर क्या है समीकरण। चुनाव जीतेंगे या होगा बदलाव।
2019 विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस की टिकट पर नाना पटोले चुनावी मैदान में उतरे। वहीं भाजपा ने परिणय फूके को उनके खिलाफ उतारा। चुनाव बेहद दिलचस्प और कांटे वाला रहा। मतदान के अंतिम राउंड तक शह और मात का खेल चलता रहा। हालांकि, आख़िर में नाना पटोले ने फुके को सड़े छह हज़ार वोटों से चुनाव जीत लिया।
विधानसभा चुनाव का इतिहास
साकोली विधानसभा भंडारा जिले की तीन विधानसभा में से एक है। इसी के साथ लोकसभा की बात करें तो यह गोंदिया भंडारा लोकसभा में आती है। 1961 के परिसीमन में सीट का निर्माण किया गया और 1962 में यहां विधानसभा चुनाव हुई। पहले चुनाव में कांग्रेस के बालकृष्ण समरित को यहां से जीत मिली। वहीं 1967 के चुनाव में यहां बदलाव हुआ और जनसंघ के शामराव कपघाते यहां से चुनाव जीते। इस सीट पर 13 बार विधानसभा के चुनाव हुए हैं, जिसमें पांच बार भाजपा और सात बार कांग्रेस को जीत मिली है।
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