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पालक मंत्री पद को लेकर सुधीर मुनगंटीवार ने लिया शिंदे का पक्ष, कहा - इच्छा व्यक्त करना कोई गलत बात नहीं


नागपुर: महायुति सरकार में मंत्री पद के बाद अब पालक मंत्री पद को लेकर नाराजगी का माहौल चल रहा है. जल आपूर्ति मंत्री गुलाबराव पाटिल ने शिंदे गुट के मंत्री दादा भुसे और भरत गोगावले को पालक मंत्री नहीं बनाए जाने की भावना व्यक्त की. इस बीच राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने नासिक और रायगढ़ के पालक मंत्रियों की नियुक्ति को निलंबित कर दिया है, जिसके बाद नेताओं ने इस पर कई तरह की टिप्पणियां की हैं. उन्होंने पालक मंत्री पद के लिए दावा किया होगा, इसमें गलत क्या है? उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दोनों शिवसेना नेताओं का समर्थन करते हुए ऐसा सवाल किया. इसके बाद बीजेपी नेता और विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने भी एकनाथ शिंदे का पक्ष लेते हुए कहा है कि उनकी पार्टी के विधायक के लिए कोई इच्छा जाहिर करना गलत नहीं है.

पालक मंत्री पद को लेकर चल रहे घटनाक्रम पर बोलते हुए सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, “इच्छा व्यक्त करना नाराजगी है. ऐसा कहना सही नहीं है. एकनाथ शिंदे और उनकी पार्टी महायुति का अहम हिस्सा है. इसलिए उनके विधायक द्वारा कुछ इच्छाएं जाहिर करना गलत नहीं है. मुख्यमंत्री फिलहाल दावोस गए हुए हैं, जब वह लौटेंगे तो सभी नेता एक साथ बैठेंगे और इस पर फैसला लेंगे.”

वहीं, कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सुधीर मुनगंटीवार पर तंज कस्ते हुए कहा था कि बाघों का ध्यान रखने वाला ‘वार’ नहीं है इसलिए बाघों की मृत्यु हो रही है। इस बात मुनगंटीवार ने प्रतिक्रिया दी है. पूर्व मंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि अगर बाघ ज्यादा मर रहा है तो उसे रेश्यो में देखना चाहिए. 

सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, “जब मैं वन मंत्री था, तब 112 बाघ थे. दो साल बाद, वहाँ 600 से अधिक बाघ थे. यदि प्राकृतिक रूप से एक वर्ष में दस बाघ मरते हैं, तो यह बढ़ता ही जाएगा. हम आंकड़ों में देखते है तो संख्या बड़ी दिखती है.जंगल के अंदर की इन फाइट से भी बाघों की मृत्यु होती है. हमारे राज्य में इतने बाघ हैं कि हम दूसरे राज्यों में बाघ भेजते हैं.”