सुनील केदार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, निचली अदालत के आदेश पर हस्तक्षेप करने से किया इनकार

नागपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुनील केदार को सर्वोच्च अदालत से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने सजा पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए अदालत ने निचली अदालत के हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। विधानसभा चुनाव के मुहाने पर अदालत के इस आदेश से केदार के आगमी चुनाव में लड़ने की संभावनाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है।
ज्ञात हो कि, पिछले साल नागपुर मध्यवर्ती केंद्रीय बैंक घोटाले में दोषी पाते हुए अदालत ने सुनील केदार सहित छह लोगों को पांच साल की सजा सुनवाई थी, वहीं 12 लाख का जुर्माना भी लगाया था। जन प्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक दो साल से ज्यादा की सजा पाने वाला व्यक्ति सजा सहित और छह साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकता।
राज्य के जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव को देखते हुए केदार ने सजा पर रोक और जमानत के लिए सेशन कोर्ट में अर्जी दी थी। इसे सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया था. फिर उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इसकी सुनवाई न्यायमूर्ति उर्मीला जोशी-फाल्के के समक्ष हुई। केदार का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता सुनील मनोहर ने किया, जबकि उनका समर्थन अधिवक्ता देवेन्द्र चौहान ने किया। कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। लगभग पांच महीने की अवधि के बाद केदार ने सजा पर रोक लगाने के लिए आवेदन किया। हालांकि, सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
चुनाव नहीं लड़ पाएंगे केदार
हाईकोर्ट से याचिका रद्द होने के बाद केदार ने सुप्रीम कोर्ट में सजा को रद्द करने की याचिका लगाई। वहीं आज शुक्रवार को हुई सुनवाई में अदालत याचिका को ख़ारिज करते हुए अदालत के आदेश पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। वहीं अदालत के आदेश के बाद केदार के विधानसभा चुनाव लड़ने की आकांक्षाओं पर रोक लग गई है। केदार अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

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